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ओएनजीसी ने असम गैस कुएं पर नियंत्रण में बड़ी सफलता दर्ज की

 

ONGC Updates: सरकारी स्वामित्व वाली तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने कहा है कि असम के शिवसागर जिले के बारीचुक में स्थित कुएं में हुए गैस विस्फोट को नियंत्रित करने की दिशा में उसने महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह विस्फोट 12 जून को ओएनजीसी के रुद्रसागर तेल क्षेत्र में हुआ था। कुएं का संचालन ओएनजीसी की ओर से एक निजी कंपनी, एस. के. पेट्रो सर्विसेज कर रही थी।

ओएनजीसी के अनुसार, आरडीएस 147ए कुएं में नियंत्रण कार्यों के चलते गैस के प्रवाह दर में काफी कमी आई है, जिसे नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अमेरिकी विशेषज्ञ कंपनी, सीयूडीडी प्रेशर कंट्रोल की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का प्रारंभिक आकलन किया और अब तक की गई कार्रवाइयों की समीक्षा कर संतोष जताया। उन्होंने ओएनजीसी की रणनीति और कार्यान्वयन को प्रभावी बताया।

ओएनजीसी ने बताया कि संयुक्त रणनीति के तहत आगे की कार्रवाई की तैयारियाँ चल रही हैं। ट्यूबलर हटाने का कार्य शुरू हो गया है और रिग फ्लोर से ट्यूबिंग हटाने के लिए क्रेन की मदद ली जा रही है। सुरक्षा के लिए कुएं पर लगातार पानी की चादर बिछाई जा रही है। निकटवर्ती दिखो नदी के जलस्तर की भी निगरानी कीजा रही है ताकि पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

ओएनजीसी रियल-टाइम गैस डिटेक्टरों से हवा की गुणवत्ता की निगरानी कर रही है, जबकि राहत शिविरों में प्रभावित लोगों के लिए चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है।

तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कुएं का दबाव 2600 psi से घटकर 500 psi रह गया है। उन्होंने बताया कि गैस में H₂S, CO और CO₂ नहीं है, और यह 97% मीथेन है जो हवा में ऊपर की ओर फैल रही है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए "जंक शॉट ऑपरेशन" और "किल फ्लूइड्स" पंप करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यदि आवश्यक हुआ, तो कुएं को स्थायी रूप से बंद करने पर भी विचार किया जाएगा।