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$4.5 ट्रिलियन का "One Big Beautiful Bill": क्या है और भारत पर इसका असर

 

One Big Beautiful Bill: अमेरिकी सीनेट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुचर्णीय "वन बिग ब्यूटीफुल बिल" 51-50 वोटों से पारित हो गया है, जिससे देश में एक नई बहस छिड़ गई है। जहां रिपब्लिकन इसे 'परिवार और विकास' के लिए फायदेमंद बता रहे हैं, वहीं डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह 'अमीरों को लाभ और गरीबों को नुकसान' पहुंचाएगा। एक अमेरिकी संस्था का अनुमान है कि यह बिल अगले 10 सालों में $3.3 ट्रिलियन का कर्ज बढ़ाएगा।आइए समझते हैं कि यह बिल क्या है, इसमें क्या आर्थिक प्रावधान हैं, किसे फायदा और किसे नुकसान होगा, और इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा।

क्या है "वन बिग ब्यूटीफुल बिल"?
यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक महत्वाकांक्षी विधेयक है, जो 1 जुलाई को सीनेट में पास हुआ। $4.5 ट्रिलियन का यह बिल 2017 की टैक्स कटौती को स्थायी बनाता है। यह 2028 तक टिप्स और ओवरटाइम पर टैक्स खत्म करता है, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए $6,000 टैक्स डिडक्शन की अनुमति देता है। इसमें चाइल्ड टैक्स क्रेडिट को बढ़ाकर $2,200 कर दिया गया है।

बिल में सीमा सुरक्षा के लिए $350 बिलियन का प्रावधान है, जिसमें सीमा दीवार के लिए $46 बिलियन और डिटेंशन बेड्स के लिए $45 बिलियन शामिल हैं। हालांकि, इसमें मेडिकेड और खाद्य सहायता में कटौती की गई है, और डेट सीलिंग में $5 ट्रिलियन की वृद्धि का प्रावधान है। संक्षेप में, यह बिल टैक्स में कटौती, सैन्य खर्च, सीमा सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। इस बिल में $3.3 ट्रिलियन के कर्ज और मेडिकेड कटौती की आलोचना हो रही है।

किसे होगा फायदा?
1. अमीर और उच्च आय वाले परिवार: निवेश और आय पर टैक्स में कटौती से इन्हें सीधा फायदा होगा। अनुमान है कि 2026 तक, हर उच्च आय वाले परिवार को औसतन $2,600 की बचत होगी।
2. बच्चों वाले परिवार: चाइल्ड टैक्स क्रेडिट $2,000 से बढ़कर $2,200 होने से इन परिवारों को वित्तीय राहत मिलेगी।

किसे होगा नुकसान?

मेडिकेड और SNAP लाभार्थी: मेडिकेड (सरकारी स्वास्थ्य बीमा) में कटौती से लगभग 12 मिलियन अमेरिकी परिवारों का स्वास्थ्य बीमा रद्द हो सकता है। वहीं, सप्लीमेंटल न्यूट्रिशन असिस्टेंस प्रोग्राम (SNAP) यानी खाद्य सहायता में 10 साल में $68.6 बिलियन की कटौती होगी, जिससे लगभग 40-42 मिलियन लोग भोजन के लिए संघर्ष कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक कार उद्योग: टैक्स क्रेडिट खत्म होने से टेस्ला जैसी EV कंपनियों की बिक्री प्रभावित होगी, जिससे इस क्षेत्र में नौकरियों में कटौती और निवेश में गिरावट आ सकती है।

स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाएं: स्वच्छ ऊर्जा टैक्स ब्रेक कम होने से इन क्षेत्रों में निवेश और रोजगार दोनों को बड़ा झटका लग सकता है।

अमेरिका पर आर्थिक और राजनीतिक असर

घाटा और कर्ज: कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) के अनुमान के अनुसार, यह बिल अगले 10 सालों में लगभग $3.3 ट्रिलियन का कर्ज और बढ़ाएगा, जिसका असर पूरे अमेरिका पर पड़ेगा।

राजनीतिक प्रभाव: जहां रिपब्लिकन इसे 'परिवार और विकास' वाला बिल बता रहे हैं, वहीं डेमोक्रेट्स इसे 'अमीरों को फायदा, गरीबों को झटका' वाला करार दे रहे हैं। यह मुद्दा 2026 के मध्यावधि चुनावों में भी प्रमुखता से उठ सकता है।

भारत और अन्य देशों पर असर

 वैश्विक अर्थव्यवस्था पर दबाव: अमेरिका का कर्ज बढ़ने से डॉलर के मूल्य पर दबाव बनेगा, जिससे भारत सहित कई देशों की मुद्रा में गिरावट आ सकती है।

स्वच्छ ऊर्जा निवेश और प्रौद्योगिकी रुझान: यदि स्वच्छ ऊर्जा में निवेश घटता है, तो वैश्विक तकनीक और निवेश प्रवाह प्रभावित होगा, जिसका सीधा असर भारत के सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर पड़ सकता है।

सप्लाई चेन और व्यापार: EV चिप्स और बैटरी सामग्री की मांग घटने से चीन-भारत की सप्लाई चेन पर भी असर पड़ेगा। इससे भारत को नए बाजार खोजने पड़ सकते हैं।

कुल मिलाकर, ट्रंप का "वन बिग ब्यूटीफुल बिल" अमेरिका में आर्थिक असंतुलन पैदा कर रहा है। एक तरफ, आर्थिक छूट से अमीरों की जेब भरेगी, तो वहीं सामाजिक नीतियों में कटौती से गरीबों पर संकट गहराएगा। वैश्विक स्तर पर भी यह मानव स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा और सप्लाई नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है, जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा।