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मूंग के रेट हुए धड़ाम, आधे रेट पर बिक रहीं मूंग

मूंग के रेट हुए धड़ाम, आधे रेट पर बिक रहीं मूंग
 

प्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी का इंतजार कर रहे किसानों का सब्र अब टूटने लगा है। व्यापारी अब इसका फायदा उठाने लगे हैं। जिले के कई किसानों ने समर्थन मूल्य की आस में रबी सीजन के बाद ग्रीष्मकाल में मूंग की फसल बोई।

 भीषण गर्मी के बीच पसीना बहाकर फसल की देखभाल की। फसल काटकर घर ले आए। परंतु अब अब तक खरीदी के लिए पंजीयन तक शुरू नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी नहीं होती है तो उन्हें मजबूरी में मंडी में कम दाम पर उपज बेचना होगी।

कई किसानों के पास भंडारण की जगह नहीं होने पर वे कम दाम में मूंग बाजार में बेच चुके हैं। जिन किसानों ने मूंग का भंडारण किया है। वे किसान अब खरीदी का इंतजार कर रहे हैं। जिले में करीब चार हजार हेक्टेयर में किसानों ने मूंग की फसल लगाई थी। 

पिछले वर्ष समर्थन मूल्य 8 हजार 558 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। जबकि वर्तमान में कृषि उपज मंडी में मूंग 4 हजार से 6 हजार 826 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। मॉडल रेट करीब 6256 रुपए है। खरगोन मंडी में प्रतिदिन औसत एक से डेढ़ हजार क्विंटल मूंग की आवक हो रही है।

बारिश से प्रभावित हुई फसल

भारतीय किसान संघ के जिला मीडिया प्रभारी नितेशसिंह मौर्य ने बताया कि उन्होंने ग्राम नरगांव में 25 किलो मूंग बोए थे। फसल छोटी थी तब इल्ली का प्रकोप रहा। दवाइयों का छिडक़ाव कर जैसे-तैसे फसल को बचाया। फिर फ्लावरिंग के समय बारिश हो गई। फलियां बहुत कम लगीं।

 मूंग काटने के समय फिर पानी ने फसल को खराब किया। उत्पादन मात्र 6 क्विंटल मिला और अब सरकार समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य में 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल का अंतर है। समर्थन मूल्य पर मूंग नहीं खरीदा तो किसान संघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।

मूंग की खेती और समर्थन पर खरीदी एक नजर में

2023 में 1466 किसानों का हुआ था पंजीयन।

2560 हेक्टेयर में लगाई गई थी मूंग।

2023 में 780 किसानों ने बेची थी मूंग की फसल।

1047 मीट्रिक टन मूंग की हुई थी खरीदी।

2024 में 2288 किसानों का हुआ था पंजीयन।

4127 हेक्टेयर में लगाई गई थी मूंग।

2024 में 1975 किसानों ने बेची थी मूंग की फसल।

2024 में 2724 मीट्रिक टन मूंग की हुई थी खरीदी।