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Dollar VS Rupees: भारतीय रुपए ने तोड़ा डॉलर का घमंड, उछाल के साथ इतनी हो गई इंडियन करेंसी की कीमत

भारतीय रुपए ने तोड़ा डॉलर का घमंड, उछाल के साथ इतनी हो गई इंडियन करेंसी की कीमत
 

Indian currency rate update: भारतीय करेंसी रुपया डॉलर के मुकाबले दिन प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है। रुपए को लगातार मिल रही मजबूती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी अच्छे संकेत लेकर आई है। वैश्विक बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी देखने को मिली। पिछले कुछ दिनों से रुपए लगातार मजबूत होता जा रहा है। यही कारण है कि अब भारतीय रुपए ने अमेरिकी डॉलर के घमंड को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया है। 


सोमवार को वैश्विक बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपए में करेंसी मार्केट बंद होने तक 17 पैसे का उछाल देखने को मिला। वहीं डॉलर इंडेक्स में सोमवार को करेंसी बाजार बंद होने तक बड़ी गिरावट देखने को मिली। पिछले कुछ दिनों की बात करें तो शुरुआती तेजी के बाद रुपए में गिरावट देखने को मिल रही थी। हालांकि सोमवार को इसके विपरीत बाजार खुलने के दौरान जो तेजी देखी गई वो ही बाजार बंद होने तक कायम रही। 

देखिए डॉलर के दाम गिरने के पीछे मुख्य वजह

डॉलर की कीमतों में लगातार हो रही गिरावट के पीछे मुख्य वजह मूडीज की अमेरिका के खिलाफ वो नेगेटिव रेटिंग को माना जा रहा है। मूडीज की रिपोर्ट को हाल ही में जारी किया गया है। इस रिपोर्ट में अमेरिका के खिलाफ निगेटिव रिपोर्टिंग की गई है। जिसके चलते रुपए में तेजी और डॉलर में गिरावट देखने को मिल रही है। 

पाठकों को बता दें कि मूडीज एक स्वतंत्र संस्था है, जिसके पूरी दुनिया में कार्यालय स्थापित हैं। इसका मुख्य कार्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थापित है। भारत में मूडिज के कार्यालय मुंबई, बैंगलोर और हैदराबाद इस शहर में स्थापित है। मूडीज स्वतंत्र रूप से जोखिम विश्लेषण और डेटा सेवाएँ प्रदान करने के साथ
क्रेडिट रेटिंग और शोध का काम करता है। 

डॉलर में देखने को मिल सकती है और भी गिरावट 

सोमवार 19 मई को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे बढ़कर 85.40 पर बंद हुआ।
भारतीय रुपए के मुकाबले डॉलर में आने वाले समय में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। जानकारों के अनुसार आने वाले समय में डॉलर में और भी गिरावट और रुपए में मजबूती जारी रह सकती है। कुछ जानकारी के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ और अप्रवासियों से संबंधित फसलों सहित विभिन्न प्रकार के लिए गए उटपटांग फैसलों के कारण वैश्विक बाजार में मची उथल-पुथल के चलते डॉलर में यह गिरावट देखने को मिल रही है।