डिजिटल पेमेंट में भारत बना नंबर 1, हर महीने UPI से हो रहे ₹18 अरब के लेनदेन
UPI Payment: भारत तेजी से कैशलेस और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया में सबसे तेज डिजिटल भुगतान करने वाला देश बन गया है। इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह UPI है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था।
UPI के जरिए एक मोबाइल ऐप से कई बैंक खातों को जोड़ा जा सकता है, जिससे पैसे भेजना, दुकानों पर पेमेंट करना या दोस्तों को ट्रांसफर करना बेहद आसान हो गया है।
जून 2025 में UPI से 18.39 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹24.03 लाख करोड़ रही। पिछले साल जून में यह संख्या 13.88 अरब थी यानी एक साल में 32% की बढ़त हुई है।
आज UPI से 49.1 करोड़ लोग और 65 लाख व्यापारी जुड़े हुए हैं। 675 बैंक इस प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हैं। भारत के कुल डिजिटल लेनदेन में से 85% सिर्फ UPI से होते हैं।
पूरी दुनिया के 50% रियल-टाइम डिजिटल भुगतान भारत के UPI से हो रहे हैं। यह सेवा अब भारत के बाहर भी सात देशों यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरिशस में शुरू हो चुकी है। भारत चाहता है कि UPI को ब्रिक्स देशों में साझा डिजिटल भुगतान प्रणाली बनाया जाए, जिससे अंतरराष्ट्रीय पेमेंट आसान होगा।
इस डिजिटल क्रांति की शुरुआत जन धन योजना से हुई थी, जिसके तहत जुलाई 2025 तक 55.83 करोड़ बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं।