आयकर विभाग ने बदले नियम, एलिजिबिलिटी और रिक्वायरमेंट्स से जुड़ी जरूरी शतों में बड़ा अंतर आया
आयकर विभाग ने आइटीआर फॉर्म एक से लेकर 6 तक जारी कर दिए है। टैक्सपेयर्स अब वित्त वर्ष 2024 25 के लिए इन फॉर्म्स का इस्तेमाल कर अपना आयकर रिटर्न (आइटीआर) फाइल कर सकते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इन फॉर्म्स में इस बार कई बदलाव किए हैं, जिससे कुछ मामलों में एलिजिबिलिटी और रिक्वायरमेंट्स से जुड़ी जरूरी शतों में बड़ा अंतर आ गया है। इस बार किए गए बदलाव टैक्सपेयर्स की सुविधाओं और पारदर्शिता के लिहाज से काफी अहम है।
फॉर्म-1 (सहज)
अब सीमित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाले लोग भी सहज फॉर्म के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। पहले ऐसे लोगों को आइटीआर फॉर्म-2 बाखिल करना होता था।
अब तक सहज फॉर्म में पूंजीगत लाभ दिखाने की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब अगर किसी व्यक्ति को स्टॉक या इक्विटी म्यूचुअल फंड से अधिकतम 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो वे सहज फॉर्म का इस्तेमाल करना है।
फॉर्म-2
टीडीएस कटौती करने वाले की ही नहीं, बल्कि यह भी जानकारी देनी होगी कि टीडीएस किस धारा के तहत कटा है। इससे आय और कटौती का सही मिलान करना आसान होगा। टैक्सपेयर कोषताना होगा कि संपति या निवेश की विकी 23 जुलाई 2024 से पहले हुई या उसके बाद।
बिक्री तारीख के हिसाब से टैक्स की वर तय होगी। विदेशी संपत्ति और विदेशी स्रोतों से आय का विस्तृत खुलासा करना होगा। इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी के हर लेन-देन को शेड्यूल वीडीएफ में दर्ज करना होगा।
फॉर्म-3
पहले करदाता की सालाना आय ₹50 लाख से अधिक होती थी, तो उसे आइटीआर में संपत्तियों और देनदारियों की जानकारी देनी होती थी, अथ सीमा बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई है।
जिन लोगों ने 23 जुलाई 2024 से पहले घर खरीवा, वे बिना इंडेक्सेशन 12.5% टैक्स विकल्प चुन सकते हैं। इंडेक्सेशन के साथ 20% का विवालप।
फॉर्म-4 (सुगम)
यह फॉर्म उन व्यक्तियों, एक्यूरफ और फर्म्स (एलएलपी को छोड़कर) के लिए है जिनकी इनकम 50 लाख रुपए से कम है। यह फॉर्म उन छोटे व्यापारियों, प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंव है जो अनुमानित आय के आधार पर टैक्स भरते हैं।
वेतनभोगी या छोटे व्यवसाय के मालिक, जिन्हें एक साल में 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) हुआ है. वे अब आइटीआर-1 या आइटीआर-4 वाखिल कर सकते हैं। बशर्ते कोई कैपिटल लॉस या गेन फॉरवर्ड न हो।
फॉर्म-5
यह आइटीआर फॉर्म एलएलपी, कंपनियों, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (एओपीएस) और बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (बीओआइ) के लिए है। फॉग-5 में अब इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44बीसीबी का विशेष जिक्र किया गया है। साथ ही इसमें अब शेड्यूल टीडीएस में टीडीएस सेक्शन कोड बताना अनिवार्य कर दिया गया है।
23 जुलाई 2024 और अलग-अलग रिपोर्ट करना होगा। शेयर बायबैंक में हुए कैपिटल लॉस को रिपोर्ट करना संभव है, लेनदेन 1 अक्टूबर 2024 के बाद हुआ हो।
इस फॉर्म में भी पूंजीगत लाभको अलग-अलग किया गया है। साथ ही शेयर बायबैंक से हुई पूंजीगत हानि को रिपोर्ट करने की मंजूरी दी गई है।
नए फॉर्म में कंपनियों को कई खुलासे करने को कहा गया है। इनमें पैन, सीआइएन और कॉपोरशन की डेट जैसी जानकारियां देनी होंगी।
रिटर्न फाइल करते हुए कंपनियों को कंपनी की प्रकृति स्पष्ट करनी होगी कि कंपनी घरेलू है या विदेशी। इसके अलावा कंपनी ने पहले अपना नाम बदला है या नहीं।
फॉर्म-6
कंपनियों को अपना कारोबार शुरू करने की तारीख बतानी होगी। इसके साथ ही पंजीकृत कार्यालय का पत्ता, संपर्क विवरण और ईमेल आइडी भी देना होगा। 10 टीआइय में बदलाव किया गया है, जो कच्चे हीरे की बिक्री से होने वाला लाभ सकल प्राप्तियों का 4% या उससे अधिक होने की स्थिति में रिपोर्ट करना होगा।
इसके अलावा होम लोन पर धारा 24 (बी) के तहत क्लेम की गई कटौतियों को शामिल करने के लिए बदलाव किए गए हैं।