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पिछले 10 सालों में 11.8 करोड़ महिलाओं ने पहली बार लिया कर्ज, बढ़ रही आत्मनिर्भरता की कहानी

 

Women Empowerment: पिछले दस वर्षों में भारत की 11.8 करोड़ महिलाओं ने पहली बार कर्ज लेकर खुद को सशक्त बनाया है। इससे उन्हें वे मौके मिले जो पहले संभव नहीं थे।

हाल ही में ट्रांसयूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले 20 सालों में देश के 71.40 करोड़ से ज्यादा लोगों को किसी न किसी तरह का कर्ज मिला है, जिसका सकारात्मक असर परिवारों की जिंदगी पर पड़ा है।

इस अवसर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम आज वित्तीय समावेशन में अहम भूमिका निभाता है। यह लोगों को कर्ज लेने में मदद करता है और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि मजबूत और जागरूक ग्राहक ही स्वस्थ कर्ज व्यवस्था की नींव होते हैं।

ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ भावेश जैन ने कहा कि भारत का क्रेडिट सिस्टम अब और ज्यादा समावेशी, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार हो रहा है।वहीं, एक्सिस बैंक के एमडी और सीईओ अमिताभ चौधरी ने कहा कि वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना जरूरी है ताकि उधारकर्ता अपने क्रेडिट का सही उपयोग कर सकें और बेहतर वित्तीय योजना बना सकें।