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अगर कोई करदाता आय छिपाता है, आय के स्रोत नहीं बताता या गलत तरीके से टैक्स छूट का दावा करता है, तो उसे सेक्सन 270 A के तहत 200% जुर्माना लग सकता है

 

अगर कोई करदाता आय छिपाता है, आय के स्रोत नहीं बताता या गलत तरीके से टैक्स छूट का दावा करता है, ती उसे भारी जुर्माना या कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी गलती अनजाने में हुई हो तो भी कार्रवाई होगी।

कम आय दिखाना (सेक्शन 270A): यदि करदाता ने

अपनी आय कम दिखाई है, तो उस अतिरिक्त आय पर देय टैक्स के 50% के बराबर जुर्माना देना पड़ सकता है।

गलत जानकारी देना (सेक्शन 270A): अगर कोई

करदाता जानबूझकर गलत जानकारियां देता है। मसलन फर्जी बिल लगाता है या झूठे दावे करता है, तो उस आय पर देय टैक्स का 200% जुर्माना लगाया जा सकता है।

आय छिपाना (सेक्शन 271(1) (c)): यह प्रावधान पुराने

असेसमेंट वर्षों (वित्त वर्ष 2016-17 से पहले) के लिए लागू होता है। इसमें बचाए गए टैक्स का 100% से लेकर 300% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

अस्पष्ट निवेश (सेक्शन 271AAC): यदि कोई निवेश

स्पष्ट रूप से घोषित नहीं है, तो उस पर 60% टैक्स, सर्चार्ज और सेस के साथ-साथ 10% अतिरिक्त जुर्माना लगता है।

जानबूझकर टैक्स चोरी (सेक्शन 276C): अगर कोई

व्यक्ति जानबूझकर टैक्स चोरी करता है, तो उस पर मुकदमा चलाया जा सकता है। दोषी पाए जाने पर तीन महीने से लेकर सात साल तक जेल की सजा हो सकती है।