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ट्रंप टैरिफ के बीच जीएसटी कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

 

GST : सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में आठ वर्षों में सबसे बड़ी कटौती की घोषणा की है। 28% का उच्चतम स्लैब खत्म किया जा रहा है और 12% श्रेणी की अधिकांश वस्तुओं को 5% स्लैब में लाया जाएगा। इससे कारें, इलेक्ट्रॉनिक्स और कई रोजमर्रा की जरूरी चीजें सस्ती होंगी। कम कर दरों से लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आएगा, जिससे खपत बढ़ेगी और देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का अनुमान है कि यह कदम देश की जीडीपी में सालाना 0.6% की वृद्धि ला सकता है। हालांकि, सरकार को सालाना लगभग 20 अरब डॉलर का राजस्व घाटा होगा। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के विशेषज्ञ रशीद किदवई के अनुसार, इससे शेयर बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रधानमंत्री को अमेरिकी टैरिफ के दबाव में राजनीतिक फायदा मिलेगा।

ऑटोमोबाइल उद्योग में भी बदलाव होगा। वाहन पर उच्च स्लैब जीएसटी को एक ही स्लैब में लाकर वर्गीकरण विवादों को खत्म किया जाएगा। इससे कारों और अन्य वाहनों की कीमतें घटेंगी और बिक्री में तेजी आएगी। मंत्रियों का समूह इस पर 21 अगस्त को चर्चा करेगा, और उसके बाद जीएसटी परिषद अंतिम दरें तय करेगी।

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नए ढांचे के तहत आम उपयोग की लगभग सभी वस्तुएं निचले कर दायरे में आ जाएंगी। इससे मध्यम वर्ग, गरीब, किसान और एमएसएमई को सीधा लाभ मिलेगा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद खपत में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक सुधारों में तेजी आएगी और भविष्य में एकल दर वाले जीएसटी की दिशा में भी सोचा जा सकता है।