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सोने के भाव 200 रुपये और गिरावट, चांदी में 200 रुपये सुधार

सोने के भाव 200 रुपये और गिरावट, चांदी में 200 रुपये सुधार
 

स्थानीय बाजारों की कमजोर मांग के बीच  फिर सोने के भाव में 200 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। वहीं चांदी की कीमतों में कुछ सुधार आया। चांदी 200 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 92 हजार 700 रुपये पर पहुंच गई। ऐसे में सोने के दाम फिलहाल 91 हजार 250 रुपये तक पहुंच गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ के बाद निवेशकों में अनि​श्चितता का माहौल है। 
बाजारों में सोने के भाव ज्यादा होने के कारण मांग कमजोर होती जा रही है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सोने के भाव 200 रुपये घटकर 91 हजार 250 रुपये प्रति दस रह गए। सोमवार को 24 कैरेट सोने के भाव 94 हजार 450 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुए थे। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमतों की बात करें तो यह 200 रुपये टूटकर 90 हजार 800 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया था। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 91 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ था। वहीं चांदी में पिछले पांच सत्रों की गिरावट के बाद कुछ सुधार हुआ है। मंगलवार को चांदी 200 रुपये बढ़कर 92 हजार 700 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। चांदी पिछले सत्र में 92 हजार 500 रुपये पर बंद हुई थी। विदेशी बाजारों में सोना हाजिर में 0.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इस समय यह 3,007.60 डॉलर प्रति औंस हो गया है। 
कमोडिटी विशेषज्ञ जतीन त्रिवेदी ने कहा कि रुपये की आ रही कमजोरी ने इस तेजी को बढ़ा दिया है। इसके अलावा सोने की कीमतों में तेजी के साथ सकारात्मक कारोबार हुआ है। वै​श्विक स्तर पर डॉलर इंडेक्स 102 अंक के आसपास रह, जिससे सर्राफा कीमतों में कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। अमेरिका के टैरिफ प्लान का असर हर तरफ दिखाई दे रहा है। अब चीन के आक्रामक रुख ने सुर​क्षित मांग को फिर से बढ़ावा दिया है। ऐसे में निवेशक सुर​​क्षित निवेश का स्थान फिर से खोजने लगे हैं। 


आ​र्थिक आंकड़ों का इंतजार
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ कमोडिटी विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि इस सप्ताह के व्यापक आ​र्थिक आंकड़ों का इंतजार अभी है। बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक का परिणाम भी शामिल है। ऐसे में हाजिर चांदी में 0.69 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चांदी इस समय 30.29 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। निवेशकों को अभी तक स्थाई निवेश की जगह नहीं मिल पाई है। सभी अमेरिका के टैरिफ तथा उसके बाद चीन के टैरिफ से डरे हुए हैं।