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gold etf : संकट के समय गोल्ड ईटीएफ आपका मजबूत डिफेंस सिस्टम

 

gold ETF : सोने ने हमेशा ही संकट के समय में निवेशकों का साथ दिया है। इस समय माहौल काफी तनावपूर्ण है, ऐसे में सोने के ईटीएफ में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। चाहे किसी भी प्रकार की परि​स्थितियां हों, हमेशा ही सोना निवेश का एक सुर​क्षित विकल्प रहता है। निवेशकों के पास सोने में निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ जैसे विकल्प हैं, जो सुर​क्षित और सस्ते भी हैं। सोने में निवेश का यह तरीका आपके पोर्टफोलियो में काफी मजबूत और सुर​क्षित बना सकता है। 


बार-बार युद्ध और तनाव जैसी खबरों के कारण शेयर बाजार में काफी हलचल है। रुपये में गिरावट और बांड की ब्याज दर घटने से भी निवेश के विकल्प सीमित हो रहे हैं। इस माहौल में सोना ही एक ऐसी वस्तु है, जो निवेश के हिसाब से सबसे सुर​क्षित है। जिस प्रकार भारतीय सेना का एयर डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान से आ रही मिसाइल को नाकाम कर रहा है, उसी तर्ज पर सोना भी संकट के समय एक सुर​क्षित डिफेंस सिस्टम है। 


कितना जरूरी है सोना आपके पोर्टफोलियो में
दुनियाभर में कोरोना महामारी जैसी वै​श्विक आपदा, रूस-यूक्रेन युद्ध का तनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ अटैक, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव यह सभी अनुभव बताते हैं कि इस दौरान वै​श्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था और बाजारों में काफी उथलपुथल रही। इस संकट के दौर में सोने ने निवेशकों को बचाया है। इस कारण निवेशकों का सोने पर विश्वास गहरा होता गया है। युद्ध के संकट के बीच पिछले सप्ताह अंतिम कारोबारी सत्र के दो दिन में ही बीएसई सेंसेक्स 1292 अंक टूट गया। वहीं सोने ने एक सप्ताह में ही 3170 रुपये का उछाल मारा है। इस प्रकार के आंकड़े बताते हैं कि जब तनाव और युद्ध का माहौल हो तो अक्सर डॉलर के मुकाबले रुपया गिरता है, लेकिन सोने की कीमत आमतौर पर डॉलर में तय होती है। इसी वजह से सोने का भाव बढ़ जाता है। यदि आपके पोर्टफोलियो में सोना है तो फिर यह आपके नुकसान को काफी रिकवर कर देता है। 


सोने ने दिया हमेशा रिटर्न
यदि हम कुछ अपवाद को छोड़ दें तो सोने ने हमेशा ही निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है। अपने पोर्टफोलियो में 15 प्रतिशत तक सोना रखना सही रणनीति होती है। इससे जो​खिम में संतुलन बनता है। इसके अलावा भविष्य की अनि​श्चितताओं के लिए भी यह सुर​क्षित रहता है। 


गोल्ड ईटीएफ कितना बेहतर
आप यदि सीधे गहने खरीदते हैं तो आपको बड़ा निवेश करना होता है, लेकिन ईटीएफ के साथ आप 0.01 ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं। वहीं गहनों के खरीदते समय जीएसटी तथा ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज भी होते हैं, लेकिन ईटीएफ में यह चार्ज नहीं होते। सोने की कीमत अंतरराष्ट्रीय भाव पर तय होती है, भले ही आप एक ग्राम सोना क्यों नहीं खरीद रहे हों, उसी हिसाब से उसकी कीमत तय होगी, यही कीमत एक टन सोने की भी होगी। इसमें कोई अंतर नहीं होता। इसके अलावा आप सोने की खरीद करते हों तो शुद्धता की बड़ी समस्या आती है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ के तहत आप 24 कैरेट शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। इस प्रकार की जानकारी आपको केवल दी गई है, निवेश से पहले अपने वित्तीय विशेषज्ञों से बातचीत जरूर करें।