{"vars":{"id": "115716:4925"}}

ब्याज दरों में गिरावट, EMI कम करें या लोन जल्दी चुकाएं

 

Bank Loans: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती किए जाने पर अक्सर उम्मीद की जाती है कि होम लोन या अन्य कर्जों पर लगने वाली ब्याज दरें घटेंगी और EMI में राहत मिलेगी। लेकिन हकीकत इससे अलग है।

EMI में तुरंत राहत नहीं मिलती

जैसे ही रेपो रेट घटता है, जरूरी नहीं कि आपकी मासिक किस्त यानी EMI भी उसी वक्त कम हो जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि सभी ऋणों में ब्याज दरें सीधे तौर पर रेपो रेट से जुड़ी नहीं होतीं, और जिनमें जुड़ी होती हैं, वहां भी कटौती का फायदा तुरंत नहीं पहुंचता।

सभी कर्जधारकों को नहीं मिलता समान फायदा

बाजार में कई प्रकार के होम लोन मौजूद हैं—कुछ पुराने MCLR आधारित होते हैं, तो कुछ रेपो रेट लिंक्ड। रेपो रेट लिंक्ड लोन लेने वालों को अपेक्षाकृत जल्दी फायदा मिल सकता है, लेकिन फिर भी बैंकों की नीतियों और रीसेट पीरियड के चलते यह लाभ देर से मिल सकता है।

EMI कम करने के स्मार्ट उपाय

BankBazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी बताते हैं कि सिर्फ रेपो रेट में बदलाव का इंतजार करने के बजाय खुद कुछ कदम उठाकर भी आप EMI में कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

1. लोन रीफाइनेंस करें

 – अगर आपके मौजूदा लोन की ब्याज दर ज्यादा है, तो कम ब्याज दर वाले बैंक में लोन ट्रांसफर करना फायदेमंद हो सकता है।

2. रेपो रेट लिंक्ड लोन में स्विच करें

 – यदि आपका लोन अभी भी MCLR या बेस रेट से जुड़ा है, तो रेपो रेट आधारित लोन में बदलाव पर विचार करें।

3. ब्याज दर पर दोबारा बातचीत करे

 – लंबे समय से अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ग्राहकों को बैंक कभी-कभी कम दर की पेशकश कर सकते हैं, यदि आप आग्रह करें।

4. अतिरिक्त भुगतान करें

– अगर संभव हो, तो लोन की अवधि कम करने के लिए अतिरिक्त भुगतान करें, जिससे ब्याज का बोझ घटेगा।

निष्कर्ष

रेपो रेट में कटौती अपने आप EMI में राहत नहीं लाती, लेकिन सही रणनीति अपनाकर आप इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए जागरूक रहना और समय-समय पर अपने लोन की समीक्षा करना जरूरी है।