क्रूड पाम ऑयल के आयात ऑर्डर भारत में हो रहे रद्द, सामने आई ये बड़ी वजह
Indain Refining Companies: भारत की रिफाइनिंग कंपनियां इन दिनों क्रूड पाम ऑयल के आयात ऑर्डर रद्द कर रही हैं। न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के अनुसार, भारतीय रिफाइनर अब तक करीब 65,000 टन क्रूड पाम ऑयल के ऑर्डर रद्द कर चुके हैं। ये ऑर्डर जुलाई से सितंबर के बीच डिलीवरी के लिए किए गए थे। भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयात करने वाला देश है। लेकिन हाल ही में मलेशिया में पाम ऑयल के दाम 6% तक बढ़ गए हैं, जिससे कंपनियों को ऑर्डर कैंसिल करने पर ज्यादा फायदा हो रहा है।
ऑर्डर रद्द करने में क्यों मिल रहा है ज्यादा मुनाफा
एक आयातक ने बताया कि अभी बाजार में भाव बहुत तेजी से ऊपर-नीचे हो रहे हैं। अगर कोई कंपनी ऑयल खरीदकर उसे रिफाइन कर बाजार में बेचे, तो जो फायदा मिलता है, उससे ज्यादा फायदा सीधे ऑर्डर रद्द करने में मिल रहा है।जुलाई डिलीवरी के जिन ऑर्डरों को कैंसिल किया गया है, वे 1050 से 1065 डॉलर प्रति टन के रेट पर थे। लेकिन अब कंपनियों को इन्हें रद्द करने से प्रति टन 30 डॉलर तक का फायदा हो रहा है। एक डीलर ने बताया कि कई भारतीय कंपनियां पुराने रेट पर हुए सौदे अब के ऊंचे बाजार भाव पर कैंसिल कर रही हैं।
कब हुए थे ये सौदे
करीब एक महीने पहले, भारतीय कंपनियों ने क्रूड पाम ऑयल के सौदे 1000 से 1030 डॉलर प्रति टन के रेट पर किए थे, जिसमें शिपिंग और बीमा की लागत भी जुड़ी हुई थी।
पहले सस्ते थे दाम, अब अचानक बढ़े
जब पाम ऑयल का उत्पादन ज्यादा हो रहा था, तब इसके दाम 8 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। उसी समय भारत की कंपनियों ने इसके सौदे किए थे। लेकिन इस हफ्ते अमेरिका की बायोफ्यूल नीति के बदलने के बाद कीमतों में अचानक उछाल आ गया। साथ ही भारत की तरफ से भी आयात मांग बढ़ने लगी, जिससे रेट और बढ़ गए।
मई में पाम ऑयल का आयात दोगुना हो गया
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, मई में भारत ने 5.93 लाख टन पाम ऑयल का आयात किया, जो अप्रैल से 84% ज्यादा है। ये आंकड़ा नवंबर 2024 के बाद सबसे ऊंचा है। इसी दौरान, सोया ऑयल का आयात 3.99 लाख टन और सूरजमुखी तेल का आयात 1.84 लाख टन रहा।
पिछले साल (अक्टूबर 2024 में खत्म हुए मार्केटिंग ईयर) में भारत हर महीने औसतन 7.5 लाख टन पाम तेल आयात करता था। मई में कुल वनस्पति तेल का आयात 11.9 लाख टन रहा, जो अप्रैल की तुलना में 33% ज्यादा है। भारत आमतौर पर पाम ऑयल इंडोनेशिया और मलेशिया से, और सोया व सूरजमुखी तेल अर्जेंटीना, ब्राज़ील, रूस और यूक्रेन से आयात करता है।
आगे क्या उम्मीद है
वनस्पति तेल ब्रोकरेज कंपनी सनवीन ग्रुप के सीईओ संदीप बाजोरिया ने कहा कि भले ही कुछ सौदे रद्द हुए हों, लेकिन आने वाले महीनों में भारत का तेल आयात फिर से बढ़ सकता है। मई में पाम तेल का आयात इसलिए बढ़ा था क्योंकि देश में स्टॉक कम था और यह तेल बाकी तेलों की तुलना में सस्ता था। सरकार ने हाल ही में क्रूड पाम, सूरजमुखी और सोया ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 10% कर दी है।
इससे आयात सस्ता हुआ और ऑर्डर भी बढ़े। लेकिन मौजूदा हालात देखकर लगता है कि अब यह तेजी थोड़ी धीमी पड़ सकती है। सरकार का यह कदम घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के दाम कम करने और देश की रिफाइनिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया था। इसके चलते क्रूड और रिफाइंड तेल के बीच आयात शुल्क का अंतर भी 8.75% से बढ़कर 19.25% हो गया है।