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रूस-अमेरिका तनाव से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की आशंका

 

Oil Price Hike: अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव का असर अब वैश्विक तेल बाजार पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में कच्चे तेल (ब्रेंट क्रूड) की कीमत 80 से 82 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। फिलहाल इसकी कीमत करीब 72 डॉलर प्रति बैरल है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए 10-12 दिन का समय दिया है। अगर रूस ने बात नहीं मानी, तो उस पर और व्यापारिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इससे रूस से तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे कीमतें और बढ़ेंगी।

भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया है, जो अब 35 से 40 फीसदी तक पहुंच चुका है। हालांकि ट्रंप ने तेल की कीमतें कम करने की इच्छा जताई है, लेकिन अमेरिका से सप्लाई बढ़ने में समय लगेगा।

ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर रूस का तेल बाजार से हटाया गया, तो कीमतें 100 से 120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। इससे भारत जैसे देशों पर असर पड़ सकता है, जो काफी हद तक रूसी तेल पर निर्भर हैं।

फिलहाल भारत 40 से ज्यादा देशों से तेल खरीदता है, इसलिए तुरंत कोई बड़ी कमी नहीं होगी। लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सप्लाई में रुकावट और उत्पादन क्षमता में कमी की वजह से 2026 तक तेल की कीमतें ऊंची बनी रह सकती हैं।