एसआईपी करते समय तारीख का करें सही चयन, रिटर्न मिलेगा ज्यादा
यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए एसआईपी की सही तारीख तय करना भी जरूरी है ताकि आपके खाते में पैसे कटने में कोई परेशानी नहीं आए। इसके अलावा कोई खास निश्चित तारीख को लेकर भी एक्सपर्ट की अलग-अलग राय हैं। ऐसे में आपको अपनी सहुलियत के अनुसार ही एसआईपी की तारीख तय करनी चाहिए।
निवेशकों के बीच इस समय देश में म्यूचुअल फंड काफी लोकप्रिय है। इसमें अच्छा रिटर्न भी मिलता है। कई म्यूचुअल फंड में तो 20 प्रतिशत तक भी रिटर्न मिल जाता है। ऐसे में आपको एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान के लिए सोच-समझकर ही पैसा लगाना चाहिए। यह एक लांग टर्म निवेश है, जिसमें कंपाउंडिंग का बेनिफिट भी आपको मिलता है। यदि आप म्यूचुअल फंड में यूनिट की खरीद कास्ट को एवरेज करते हैं तो आपके लिए यह एक हाई रिटर्न का जरिया बन सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो किसी खास तारीख को एसआईपी करने की शुरुआत करनी चाहिए। इससे रिर्टन पर फर्क पड़ता है। निवेशकों का मानना है कि कोई खास तारीख तय नहीं करती कि कितना रिटर्न मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि टाइम लांग टर्म में पूंजी बढ़ती है न कि निर्धारित किस टाइमिंग के अनुसार।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में अधिक समय बिताना ही आपके लांग टर्म में वेल्थ क्रिएशन को निर्धारित करता है। बाजार में एंट्री का समय कोई भी हो सकता है, लेकिन निवेशक को लगातार निवेश पर ही फोकस करना चाहिए। इसके अलावा लंबे समय तक निवेश करना ही सबसे उचित रहता है। यदि आप कोई तारीख चुनना चाहते हैं तो अपको ऐसी तारीख चुननी चाहिए, जब आपके बैंक खाते में पैसे हों और आपकी एसआईपी की राशि कटने में कोई परेशानी नहीं हो। आपको अपनी सेलरी मिलने की तारीख के आसपास ही एसआईपी की तारीख तय करनी चाहिए, ताकि आपको खर्च मैंनटेन करने में ज्यादा परेशानी नहीं हो।