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एटीएम नियमों में हुआ बदलाव, राशि जमा व निकलना हुआ महंगा, रेलवे बुकिंग के नियम भी बदले

 
 rules changed :आज से बैंकिंग, एटीएम से पैसे निकासी से लेकर रेलवे टिकटिंग के कई नियम बदल गए हैं, जिनका असर सीधे आपकी जेब पर पड़ेगा। कई बैंक एफडीसेविंग अकाउंट के साथ होम लोन की ब्याज दरों में भी बदलाव कर रहे हैं। गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बदलाव होगा।

एटीएम से पैसे निकासी

रिजर्व बैंक के नए नियमों के तहत 1 मई से फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार होने पर एटीएम से कैश निकालने, जमा करने या बैलेंस चेक करने पर अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। पीएनबी, एचडीएफसी जैसे बैंकों ने अपने एटीएम लेनदेन शुल्क में संशोधन कर दिया है।

कैश निकासी पर शुल्क अब प्रति ट्रांजेक्शन 23 रुपए हो जाएगा। फ्री लिमिट के बाद बैलेंस चेक पर शुल्क 6 रुपए से बढ़कर 7 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन किया गया। पीएनबी गैर-वित्तीय लेनदेन पर 11 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन चार्ज काटेगा।

रेलवे भी 1 मई से टिकट बुकिंग के नियमों में बदलाव हुआ है, जिससे यात्रा करने वालों को नई व्यवस्था के मुताबिक तैयारी करनी होगी। वेटिंग टिकट अब स्लीपर और एसी कोच में मान्य नहीं होगा। केवल जनरल कोच में ही वेटिंग टिकट पर सफर किया जा सकेगा। 

वेटिंग टिकट मान्य नहीं होने से लोगों को यात्रा में परेशानी हो सकती है। एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को घटाकर 120 दिन से 60 दिन कर दिया गया है। रेलवे तीन प्रमुख चार्जेज में भी बढ़ोतरी कर सकता है, जिससे किराए के साथ रिफंड महंगा हो सकता है।

15 आरआरबी का विलय 11 राज्यों में

देश के 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) का विलय होगा। 1 मई, 2025 से इन राज्यों में ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ नीति लागू होगी। इसके कारण देश में ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 रह जाएगी।

 इस पहल का मकसद बैंकों की परिचालन दक्षता बढ़ाना और लागत को कम करना है। इस फैसले के बाद से ग्राहकों को पहले से और भी बेहतर सुविधाएं मिलेगी। अगर आपका भी अकाउंट इन बैंक में है तो आपको फर्क नहीं पड़ेगा, सिर्फ बैंक का नाम बदलेगा।