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15 बैंकों का होगा विलय, एक राज्य एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नीति को हरी झंडी

 

 इस महीने में बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कई बदलाव शुरू हो गए हैं। सरकार ने एक राज्य एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक नीति को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत 15 ग्रामीण बैंकों का विजय हो जाएगा। एक मई से 43 आरआरबी में से 15 बैंकों का विलय शुरू हो गया है। 


43 से घटकर 28 रह जाएगी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या

इस विजय के साथ ही देश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या कम हो जाएगी। इस समय देश में 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। अब इनकी संख्या 28 ही रह जाएगी। आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान के ग्रामीण बैंक का अब विलय हो जाएगा। इस विलय के बाद बैंकिंग सिस्टम और अ​धिक बेहतर हो जाएंगे। इसके अलावा यूनिफाइड आईएफएससी कोड और एमआईसीआर कोड होने से ट्रांजेक्शन में काफी आसानी होगी। इसके अलावा लोन प्रोसेसिंग में भी कार्य जल्द और सुगम हो जाएंगे। 


नहीं पड़ेगा किसी के खाते व पूंजी पर असर
बैंकों के विलय होने की खबर से काफी लोगों को लग रहा है कि उनके बैंक खाते बंद हो जाएंगे तथा उनके पैसे भी खत्म होने को चांस हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बैंक विलय के बाद कुछ बदलाव जरूर आएंगे, लेकिन लोगों की जमापूंजी, उनके बचत खाते, एफडी आदि पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसमें केवल आपका जिस बैंक में खाता है, उसका नाम और आईएफएससी कोड बदल सकता है। इस मर्ज के बाद आपको नई पासबुक और चेकबेक लेनी पड़ सकती है। पुरानी कस्टमर आईडी या फिर खाता नंबर भी आपका बदल सकता है। ऐसे में आपके लोन या आपके खाते में जमा पूंजी पर कोई असर नहीं रहेगा। 


अब नए नाम से जाने जाएंगे बैंक
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अ​धिनियम 1976 की धारा  23ए(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुरूप यह आरआरबी एक एकल इकाई में एकीकृत हो जाएंगे। इसके तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्रायोजित चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक के रूप में मिला दिया जाएगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश में मौजूद बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक नाम की इकाई में मिला दिया गया है। इसका मुख्यालय बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन के तहत लखनऊ में होगा। वहीं  पश्चिम बंगाल में संचालित बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक में मर्ज कर दिया जाएगा। दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मिलाकर नया बिहार ग्रामीण बैंक बनेगा, जिसका मुख्यालय पटना में होगा। गुजरात में बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक और सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक को मिलाकर नया गुजरात ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा। अब यह बैंक नए नामों से जाने जाएंगे।