फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर अमेरिका में हुआ दुनिया का सबसे बड़ा मुकदमा, देखी क्या रहेगा इनका भविष्य
World Biggest Lawsuit filed Against Meta: फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को संचालित करने वाली बहुराष्ट्रीय टेक दिग्गज कंपनी मेटा के खिलाफ वाशिंगटन में सोमवार को एक संघीय अदालत में मुकदमा शुरू हुआ। करीब छह साल जांच के बाद सुनवाई शुरू की जा रही है। मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने सोमवार को वाशिंगटन डीसी की एक अदालत में गवाही दी, जिसमें उन्होंने अपनी कंपनी पर एकाधिकार होने के आरोपों का बचाव किया। मुकदमे के नतीजे पर मेटा के 1.4 ट्रिलियन डॉलर के विज्ञापन व्यवसाय का भविष्य टिका हुआ है।
इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि मेटा को एक या एक से अधिक कंपनियों पर अपना हक छोड़ने के लिए बाध्य किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है कि यह 40 साल पहले एटीएंडटी के टेलीफोन एकाधिकार को जबरन अलग करने के बाद का सबसे बड़ा विभाजन होगा।
अमरीकी फेडरल ट्रेड कमिश्नर (एफटीसी) के मुख्य वकील डैनियल मैथेसन ने कहा, ‘मेटा के नवाचार में कुछ भी गलत नहीं है। इसके बाद जो हुआ, वही समस्या है।’ एफटीसी का तर्क है कि मेटा की रणनीति उभरते प्रतिस्पर्धियों को खरीदकर ‘तत्काल खतरों को खत्म करना’ थी, न कि उनसे आगे निकलकर मेटा का प्रतिनिधित्व करने वाले अटॉर्नी मार्क हैनसेन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इंस्टाग्राम और वाट्सऐप दोनों ही मेटा के नेतृत्व में फले-फूले। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मेटा एकाधिकार है। मेटा अपनी सेवाएं नि:शुल्क प्रदान करता है, जो एफटीसी के एकाधिकार संबंधी तर्क को चुनौती देता है।
अमरीकी जिला न्यायाधीश जेम्स बोसबर्ग की अध्यक्षता में होने वाला यह मुकदमा कई सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। जकरबर्ग के अतिरिक्त, पूर्व मेटा सीओओ शेरिल सैंडबर्ग, पूर्व सीटीओ माइक श्रोएफर, इंस्टाग्राम के सह-संस्थापक केविन सिस्ट्रॉम, प्रतिद्वंद्वी सोशल मीडिया कंपनियों के अधिकारी गवाही देंगे।
मेटा बनाम एफटीसी हुए
अमरीकी फेडरल ट्रेड कमिश्नर (एफटीसी) का तर्क है कि जब मेटा ने 2012 में इंस्टाग्राम और दो साल बाद वाट्सऐप का अधिग्रहण किया, तो यह प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और सोशल मीडिया बाजार पर एकाधिकार शक्ति बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा था। सरकार का तर्क है कि ‘खरीदो या दफनाओ’ की रणनीति ने मेटा के अधिग्रहण को बढ़ावा दिया, जिसके कारण मेटा ने उन प्रतिस्पर्धियों को निगल लिया जिन्हें वह खतरा मानता था, या प्रतिद्वंद्वियों को पूरी तरह से व्यवसाय से बाहर कर दिया। 2012 में एक आंतरिक ईमेल में जिसे सरकारी वकील पेश करने की योजना बना रहे हैं, ज़करबर्ग ने लिखा था कि इंस्टाग्राम को खरीदना ‘संभावित प्रतिस्पर्धी को बेअसर करने’ की इच्छा से प्रेरित था। एफटीसी का कहना है कि यह कथित व्यवहार संघीय अविश्वास कानूनों के तहत अवैध है।
राजनीति भी गुल खिलाएगी
इस केस में राजनीति क्या गुल खिलाती है, यह देखना रोचक हो सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जकरबर्ग के रिश्ते पहले खराब रहे हैं। अब जकरबर्ग उसे सुधारने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। यह मामला सबसे पहले दिसंबर 2020 में ट्रंप के पहले कार्यकाल में शुरू हुआ था। उस समय ट्रंप और ज़करबर्ग के बीच कड़वाहट थी, लेकिन हाल ही में दोनों के बीच टकराव कम हुआ है। नवंबर में चुनाव जीतने से पहले ट्रंप ने जकरबर्ग को जेल में डालने की धमकी दी थी, उन्होंने कहा था कि अगर जकरबर्ग ने अपने प्लेटफॉर्म से चुनाव अभियान को को नुकसान पहुंचाया तो बाकी जिंदगी जेल में काटेंगे।
जकरबर्ग हाल ही में ट्रंप प्रशासन को खुश करने में लगे हैं। उन्होंने ट्रंप को दस लाख डॉलर दान किया है। ट्रंप के साथ चल रहे केस को खत्म करने के लिए जकरबर्ग ने 2.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ट्रंप मुकदमे को छोड़ सकते हैं और मेटा के साथ समझौता कर सकते हैं, लेकिन अब तक, संकेत हैं कि मामला अटका रहेगा। एफटीसी के अध्यक्ष एंड्रयू फर्ग्यूसन ने कहा कि वह राष्ट्रपति के आदेश का पालन करेंगे’।
बचाव में क्या हैं मेटा के तर्क
मेटा का कहना है कि उसे एक अनोखी और आक्रामक टेक कंपनी होने के कारण उसे दंडित किया जा रहा है। मेटा के वकीलों का कहना है कि इसने हमेशा निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की है। अधिग्रहण को एक दशक पहले मंजूरी मिल गई थी। दिग्गज टेक कंपनी मेटा के बचाव का एक और पहलू यह हो सकता है कि उसे एलन मस्क की एक्स, टिकटॉक, स्नैपचैट और कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।