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पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, महंगी कारों का शौकीन

पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड, महंगी कारों का शौकीन
 

 जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी को माना जा रहा है। सैफुल्लाह कसूरी को महंगी कारों को शौक है। पाकिस्तानी सेना भी इस आतकंवादी पर फूल बरसाती है। पहलगाम में इसने निर्देश लोगों पर गोलियां बरसाई और इस हमले में 28 बेकसूर लोगों की जान चली गई जबकि अनेक घायल भी हुए हैं। 


इस हमले की जिम्मेदारी रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) आतंकवादी संगठन ने ली है। यह आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा है। TRF ग्रुप का नेतृत्व आसिफ फौजी कर रहा था। फरवरी 2019 में भी पुलवामा में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। इसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया था। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद को पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। कसूरी को एलईटी के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी भी माना जाता है। यही हमले का साजिशकर्ता है। यह लगातार ऐसे हमलों के लिए अवसर की तलाश करता रहता था। 


2017 में की थी घोषणा
सैफुल्लाह कसूरी या खालिद को मिल्ली-मु​स्लिम लीग के अध्यक्ष के रूप में पेश किया गया गया था। 8 अगस्त 20177 को उसने प्रेस कांफ्रेंस करके पार्टी के गठन, उद्देश्यों और लक्ष्यों के बारे में बताया था। यह हाफिज सईद के जमात-उद-दावा का राजनीति मोर्चा है। खालिद पेशावर मुख्यालय का भी नेतृत्व करता है। मध्य पंजाब के प्रांत के लिए समन्वय समिति में यह काम कर चुका है। दिसंबर 2008 में इसे लश्कर के एक अन्य नाम से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबं​धित सूची में जोड़ा गया था। 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद इसने अपना संगठन बनाया था। इसने इसका प्रतिरोध किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजरों में आने के लिए ऐसा किया गया।

पत्रकारों को दी धमकियां

टीआरएफ ने घाटी में पत्रकारों को कई बार धमकियां दी। इसके बाद गृहमंत्रालय ने गैर कानूनी गतिवि​धियां अ​धिनियम के तहत इस संगठन को आतंकवादी घो​षित किया था। यह ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से युवाओं को आतंकी गतिवि​धियों के लिए भर्ती करता था। इसमें आतंकवादियों की घुसपैठ, पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में ह​थियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी करना शामिल है। 2019 में टीआरएफ की स्थापना हुई तो शेख सज्जाद गुल को इस आतंकी संगठन का सर्वोच्च कमांडर बनाया गया। बासित अहमद डार ने परिचालन कमांडर के रूप में काम किया। टीआरएफ हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई आतंकवादी संगठनों का एक मिश्रित संगठन है। सैफुल्लाह कसूरी को महंगी कौरों का शौक है तथा पाकिस्तान की सेना उस पर फूल बरसाती है।