पूर्व सैनिक व सेवानिवृत्त आरपीएफ कर्मियों को दोबारा मिलेगी नौकरी, 65 साल तक रहेगी तैनाती
रेल संपत्ति और यात्रियों सुरक्षा के लिए फिर से बूढ़े कंधों पर जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) में हजारों पद खाली पड़े हैं, जिनकी भरपाई के लिए पूर्व सैनिक, सेवानिवृत्त आरपीएफ कर्मी, होमगार्ड की भी तैनाती की जाएगी।
यह तैनाती कांस्टेबल और हैडकांस्टेबल पद पर दी जाएगी। इसके लिए रेल मंत्रालय ने पालिसी बनवाई और सभी महाप्रबंधकों को लेटर भेजा है। इस पालिसी को लिब्रलाइज्ड एक्टिव रिटायरमेंट स्कीम फार गारंटिंड इंप्लाइमेंट फार सेफ्टी स्टाफ (लार्जीज) से बाहर रखा गया है।
65 साल आयु तक की तैनाती रहेगी, जबकि इसके लिए पांच साल की एनुअल परफार्मेंस अपरेज रिपोर्ट (एपीएआर) को ध्यान में रखा जाएगा इसमें कम से कम गुड का रिमार्क होना चाहिए। जोन के महाप्रबंधक के पास इनकी तैनाती की शक्तियां दी गई हैं।अंबाला सहित मंडल रेल प्रबंधकों को तीन माह की शक्तियां महाप्रबंधक के अलावा मंडलों की भी शक्तियां पालिसी में स्पष्ट की गई हैं।
मंत्रालय ने जम्मू मंडल, फिरोजपुर मंडल, अंबाला मंडल जोधपुर मंडल, बीकानेर मंडल, अहमदाबाद मंडल, लुमडिंग मंडल, रंगिया मंडल, अलीपुरद्वार मंडल, कटिहार मंडल, मालदा मंडल और सियालदाह मंडल के डीआरएम को शक्तियां दी हैं। यह शक्तियां वेतन स्तर तीन और चार रिक्त पदों पर पूर्व सैनिकों/होमगार्ड एमएसएफ को कोटेशन के आधार पर दी गई हैं, नियुक्ति तीन माह के लिए होगी।
वेतन के तौर पर जारी होगी एकमुश्त राशि: जिन कर्मचारियों को
सेवानिवृत्ति के बाद तैनाती दी जानी है, उसके तहत इनको एकमुश्त वेतन जारी किया जाएगा। इसके तहत अनुबंध अवधि के दौरान पारिश्रमिकके रूप में एक निश्चित मासिक राशि मिलेगी। यह राशि सेवानिवृत्ति पेंशन घटाकर दी जाएगी।
तैनाती की अवधि दौरान कोई वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता और एचआरए की के समय मिलने वाले वेतन से मूल सुविधा नहीं दी जाएगी। इसी तरह निवास और कार्य स्थल के बीच आवागमन के लिए परिवहन भत्ते के रूप में एक उचित और निश्चित राशि की अनुमति दी जाएगी, जो सेवानिवृत्ति के समय नियुक्त व्यक्ति के लिए लागू दर से अधिक नहीं होगी। पूर्ण सेवा माह के लिए 1.5 दिन की दर से सवेतन अवकाश की अनुमति दी जा सकती हैं।
संपत्ति से यात्रियों की सुरक्षा का मिला जिम्मा
रेलवे में आरपीएफ के पास पहले सिर्फ रेल संपत्ति की सुरक्षा का जिम्मा था लेकिन बाद में सुरक्षा बल की शक्तियां बढ़ा दी गई। सुरक्षा बलों को यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा भी सौंप दिया गया लेकिन पदों की भर्ती उसके मुताबिक नहीं हो सकी। आरपीएफ को धीरे-धीरे महत्वपूर्ण शताब्दी, दुरंतो, राजधानी, वंदेभारत जैसे ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा भी सौंप दिया गया। अब रिक्त पदों को भरने की तैयारी की जा रही है।