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Paramilitary Forces: अर्धसैनिक बलों की पेंशन को लेकर आया बिग अपडेट, हाईकोर्ट ने जवानों के हित में सुनाया यह बड़ा फैसला

 

Paramilitary Forces Pension Update: देश में लाखों की संख्या में जवान अर्धसैनिक बलों के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन जवानों को यूपीएस लागू होने के बाद पेंशन को लेकर पिछले साल बड़ा झटका लगा था। हालांकि अब अर्धसैनिक बलों (Paramilitary forces pension update) की पेंशन को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने यह फैसला अर्धसैनिक बलों के जवानों के हित में सुनाया है। जानकारी के अनुसार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अर्धसैनिक बलों (Paramilitary forces) के हित में फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई जवान गंभीर बीमारी के कारण मजबूरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेता है तो उस जवान को विकलांगता पेंशन से वंचित नहीं किया जा सकता है। यानी अब बीमारी के चलते सेवानिवृत्ति लेने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को भी पेंशन दी जाएगी। 

हाईकोर्ट के इस फैसले का इन जवानों को मिलेगा लाभ

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा आज अर्धसैनिक बलों के हित में सुनाए गए फैसले का लाभ उन जवानों को मिलेगा जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। ऐसे जवानों को विभागीय देरी की वजह से समय पर निर्णय नहीं होने से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से भी निजात मिलेगा। पाठकों को बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला अर्धसैनिक बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में सेवाएं देने वाले लांस नायक अशोक कुमार की याचिका पर दिया है। 

अशोक कुमार को वर्ष 2000 में हुआ था ‘रेट्रो बल्बर न्यूराइटिस’ नामक गंभीर दृष्टि रोग

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 13वीं बटालियन में जवान अशोक कुमार ने 1985 में नौकरी शुरू की थी। अशोक कुमार को वर्ष 2000 में ‘रेट्रो बल्बर न्यूराइटिस’ नामक गंभीर दृष्टि रोग हो गया था। उस दौरान उनकी पोस्टिंग मणिपुर में थी। ‘रेट्रो बल्बर न्यूराइटिस’ बीमारी के कारण अशोक कुमार की रंग पहचानने की क्षमता खत्म होने के कारण मार्च 2005 की वार्षिक मेडिकल जांच में उन्हें सीआरपीएफ द्वारा सेवा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद विभाग द्वारा उन्हें हल्की ड्यूटी पर रखने की सिफारिश कर मामला कुछ समय के लिए टाल दिया।

अशोक कुमार ने 2009 में मेडिकल बोर्ड से इनवैलिडेशन के आधार पर सेवा से बाहर करने हेतु की थी सिफारिश

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जी अशोक कुमार की याचिका पर आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है उसे साल 2009 में मेडिकल बोर्ड ने ‘इनवैलिडेशन’ के आधार पर सेवा से बाहर करने की सिफारिश की थी, लेकिन विभाग ने कोई औपचारिक फैसला नहीं लिया। अशोक कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अदालत को बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सेवा नियमों के अनुसार रंग पहचानना अनिवार्य योग्यता है और उनकी दृष्टि क्षमता में आई स्थायी कमी के कारण वे इस योग्य नहीं रहे। इसके बावजूद विभाग द्वारा समय रहते उन्हें सेवा से मुक्त नहीं किया गया। जिस कारण से उसने 
मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करते हुए 22 अप्रैल 2009 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु विभाग को आवेदन कर दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट सीआरपीएफ के जवान अशोक कुमार की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए आज अर्धसैनिक बलों के जवानों के हित में यह अहम फैसला सुनाया है।