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CRPF या आर्मी के जवानों को देश के साथ गद्दारी करने पर क्या मिलती है सजा? जानिए कैसे पकड़े जाते हैं ये जासूस 

CRPF या आर्मी के जवानों को देश के साथ गद्दारी करने पर क्या मिलती है सजा? जानिए कैसे पकड़े जाते हैं ये जासूस 
 

 पहलगाम अटैक के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को निशाना बनाया जा रहा है और इसके साथ ही साथ देश में मौजूद गद्दारों को भी सरकार ढूंढ रही है। ज्योति मल्होत्रा सहित अभी तक कई जासूस पकड़े गए हैं। CRPF के एक जवान को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है ।

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी के द्वारा सीआरपीएफ के जवान मोतीराम जाट को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि यह जवान लंबे समय से पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ में था और भारत की खुफिया जानकारी पाकिस्तान में पहुंचा रहा था। इसके बदले में मोतीराम जाट के अकाउंट में मोटे पैसे ट्रांसफर होते थे।


जानिए कैसे गिरफ्तार होते हैं सुरक्षाबलों के जासूस 


 आर्मी और सुरक्षा बलों में ऐसी जासूसी पकड़ने के लिए एक अलग से साइबर सेल बनाया गया होता है। इस साइबर सेल में काम करने वाले लोगों का काम होता है अधिकारियों और जवानों पर विशेष नजर रखें। जवानों या अधिकारियों के मोबाइल फोन या फिर सोशल मीडिया पोस्ट पर किसी भी तरह की संदिग्ध जानकारी आती है तो यह तुरंत उसे ट्रैक करना शुरू कर देते हैं। जरूरत पड़ी तो फोन को ट्रेस किया जाता है और उसके बाद सबूत मिलते ही जवान अधिकारी को गिरफ्तार कर दिया जाता है।


 जासूसी के लिए क्या मिलती है सजा 


 सेवा की अर्ध सैनिक वालों में जासूसी करने वाले अधिकारियों या जवानों की गिरफ्तारी सी पुलिस के द्वारा ही किया जाता है और उसके बाद जांच एजेंसी को सौंप दिया जाता है। ऐसे लोगों को तुरंत सस्पेंड कर दिया जाता है और उन्हें किसी भी तरह की सुविधा और पेंशन नहीं दिया जाता है।


 जासूसी करने वाले अधिकारियों और जवानों पर BNS की धारा 152,147,148 लगाया जाता है।गद्दारी करने वाले जवानों या अधिकारियों के आरोप सिद्ध होने के बाद 3 साल तक जेल की सजा सुनाई जाती है और कई मामलों में तो आजीवन कारावास भी हो जाता है।