मौसम में गरमाहट, किसान अभी एक सप्ताह तक कर सकते हैं सरसों की बुवाई
सरसों की बुवाई का उचित समय वैसे तो 20 अक्तूबर है। फिर भी जो किसान अभी सरसों की बुवाई का मन बना रहे हैं उनके पास एक सप्ताह का समय है। वह इसलिए क्योंकि मौसम में अभी गरमाहट है और यह समय सरसों की बुवाई के लिए अनुकूल है। सरसों की बुवाई करके किसान पांच माह से भी कम समय में अच्छी पैदावार लेकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आमतौर पर सरसों बुवाई के लिए 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान अनुकूल होता है। 20 अक्तूबर तक हर साल तापमान में इससे नीचे पहुंच जाता था। परंतु इस बार मौसम समय आखिरी दौर में होने के बाद भी जिले का अधिकतम तापमान बढ़ा हुआ है। अधिकतम तापमान 31 डिग्री व न्यूनतम 19 डिग्री के बीच बना हुआ है। इसलिए कृषि वैज्ञानिक सरसों की बुवाई करने की सलाह दे रहे हैं।
लाह काफी गर्म है। बुवाई का
कृषि विज्ञान केंद्र दामला के समन्वयक डॉ. संदीप रावल ने बताया कि अभी एक सप्ताह तक तापमान अधिक रहेगा। इसलिए बुवाई की जा सकती है। इसके लिए किसान सरसों की आरएच 1975, आरएच 1424, आरएच 725 व आरएच 761 किस्म का चयन कर सकते हैं। किसान बुवाई करने से पहले बीज का उपचार जरूर कर लें। दो ग्राम काबेंडाजिम दवा डाल कर सरसों के बीज का उपचार किया जा सकता है।
आरएच 1975 में 39.5 फीसदी निकलता है तेल
डॉ. संदीप रावल का कहना है कि आरएच 1975 सरसों की सबसे अच्छी किस्म है। यह नई वैरायटी है। यह 8-10 क्विंटल प्रति एकड़ औसत उत्पादन तथा 14-15 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता रखने वाली किस्म है। इसमें लगभग 39.5 फीसदी तेल की मात्रा है जिस कारण यह किस्म अन्य किस्मों की अपेक्षा किसानों के बीच अधिक लोकप्रिय हुई है। इससे तिलहन उत्पादन में वृद्धि के साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा।
आरएच 1975 किस्म हरियाणा सहित पंजाब, दिल्ली, जम्मू व उत्तरी राजस्थान के सिंचित क्षेत्रों में बुवाई के लिए चिह्नित की गई है। इसलिए इन राज्यों के किसान इसकी बुवाई कर सकते हैं। यह किस्म 140 से 145 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इसकी फलियां लंबी होती हैं। फलियों में दानों की संख्या 18-20 तक है तथा दानों का आकार मोटा है।