Success story:आईपीएस की ट्रेनिंग लेते-लेते बन गया आईएएस, ऋत्विक वर्मा की सक्सेस स्टोरी
Success story:जमशेदपुर निवासी ऋत्विक वर्मा फिलहाल हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रहे थे, लेकिन मंगलवार को जब यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम आया तो वह आईएएस में सिलेक्ट हो गए। वैसे तो बहुत मुश्किल से एक ही बार यह परीक्षा पास होता है, लेकिन ऋत्विक वर्मा ने दो बार इस परीक्षा को पास करके अपने माता-पिता, प्रदेश का नाम रोशन किया है।
यूपीएससी की परीक्षा में देशभर से लाखों विद्यार्थी भाग लेते हैं, लेकिन इनमें से चंद ही पास हो पाते हैं। आईपीएस और आईएएस बनने के लिए बहुत अच्छी रेंकिंग चाहिए होती है, लेकिन बहुत से युवा इसको को प्राप्त करने का मादा रखते हैं। जमशेदपुर निवासी ऋत्विक वर्मा आईपीएस बनने की तैयारी कर रहा था। अब उसने फिर से यूपीएससी को क्रेक करके अच्छी रेंक हासिल की और उसका चयन आईएएस में हो गया। ऋत्विक वर्मा की 115वीं रेंक आई। पूरे जमशेदपुर समेत उसने झारखंड राज्य का नाम भी रोशन किया है। ।
भूगोल विषय से किया था ग्रेजुएशन
ऋत्विक वर्मा स्पर्धा प्रकाशन की प्रकाशक प्रियंका वर्मा के बेटे हैं। वह लोयोला स्कूल जमशेदपुर के पूर्व छात्र हैं। आईएएस बनकर देश सेवा करने का उनका बचपन से ही सपना था। ऋत्विक वर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लोयोला स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज गए। यहां से उन्होंने भूगोल विषय से ग्रेजुएशन किया और दिल्ली में ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। ऋत्विक ने 2023 में यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास की और उनका चयन आईपीएस के लिए हो गया। वह फिलहाल हैदराबाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे थे। अब उनका चयन आईएएस में हो गया।
भाई सेना में कैप्टन के पद पर
ऋत्विक ने अपनी सफलता सारा श्रेय अपनी किताबों के अलावा अपनी माता प्रियंका वर्मा व पिता अजय कुमार को दिया है। अजय कुमार स्पर्धा प्रकाशन के निदेशक हैं। वहीं ऋत्विक के छोटे भाई वेदान्त मेहता ने भी यूपीएससी की तरफ से ली जाने वाली एनडीए की परीक्षा में ऑल इंडिया में 29वीं रैंक हासिल की थी और वह वर्तमान में सेना में कैप्टन के पद पर अंबाला कैंट में कार्यरत हैं।