7 करोड़ कर्मचारियों के खाते में अब जमा होगा वार्षिक ब्याज
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पीएफ अकाउंट में जमा राशि पर 8.25% ब्याज मिलेगा। सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों के पोस्ट-रिटायरमेंट फंड में वार्षिक ब्याज जमा किया जाएगा।
ईपीएफओ ने 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.25% रखने का निर्णय लिया था, जो पिछले वित्तीय वर्ष के समान है। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय की सहमति के लिए भेजा गया था।
ईपीएफओ से 14.58 करोड़ सदस्य जुड़े
2022 में 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज को 8.5 प्रतिशत से घटाकर चार दशक के न्यूनतम स्तर 8.1 प्रतिशत कर दिया था। 1977-78 में ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत थी।
जारी हुए पेरोल डाटा के अनुसार, मार्च 2025 में ईपीएफओ से 14.58 लाख सदस्य जुड़े हैं। इसमें मार्च 2024 की तुलना में 1.15 प्रतिशत की वृद्धि रही है। श्रम मंत्रालय के अनुसार, मार्च में ईपीएफओ से जुड़ने वाले कुल सदस्यों में नए सदस्यों की संख्या 7.54 लाख रही है। इसमें फरवरी 2025 की तुलना में 2.03 प्रतिशत और मार्च 2024 की तुलना में 0.98 प्रतिशत की वृद्धि रही है।
अनुमति के साथ इन कर्मचारियों के भविष्य निधि (प्रोविडेंट फंड) खाते में ब्याज की राशि जमा करने का रास्ता साफ हो गया है। इसी वर्ष फरवरी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जमा पर ब्याज दर को 8.25 प्रतिशत बनाए रखने का फैसला किया था। इस ब्याज दर को अनुमोदन के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा गया था।
इससे पहले वित्त वर्ष 2023-24 में भी पीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दिया गया था। एक श्रम मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने बीते वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ पर 8.25 प्रतिशत ब्याज दर को स्वीकृति दे दी है।
श्रम मंत्रालय ने इस संबंध में ईपीएफओ को भी जानकारी भेज दी गई है। अब इस स्वीकृत ब्याज दर के अनुसार, ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक सदस्यों के खातों में ब्याज की राशि जमा की जाएगी। ब्याज दर का निर्णय 28 फरवरी को ईपीएफओ के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड की 237वीं बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने की थी।