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बादाम और मसाले में स्थिरता , साबूदाना 40 फिसदी सस्ता

 

गुरु पूर्णिमा के साथ गुरुवार को सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और सोमवार से व्रत-उपवास भी आरंभ हो जाएंगे। इस बार परंपरागत रूप से व्रत-उपवास में खपत होने वाली फलाहारी वस्तुओं की मांग बेहद कमजोर बनी हुई है। सबसे ज्यादा असर साबूदाने पर पड़ा है।

कारोबारी अमित छाबड़ा ने बताया कि इस बार साबूदाने के रेट लगभग 40 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। साबूदाना जहां पहले यह 75 से 78 रुपए किलो तक बिकता था, वहीं अब थोक में 40 से 50 रुपए प्रति किलो पर भी खरीदार नहीं मिल रहे। साबूदाना ही नहीं, मखाना, कुट्टू आटा, सिंघाड़ा आटा, राजगिरा, फलाहारी नमकीन जैसी वस्तुएं जो व्रत के दौरान खूब बिकती हैं, उनकी मांग में भी इस बार ठहराव है।

थोक दुकानदारों के अनुसार, उपभोक्ता रुझान में बदलाव, ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुझान और घरेलू बजट में कटौती इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। उधर, सूखे मेवों में भी बादाम की मांग में भारी कमी देखी गई है। मसालों की स्थिति भी ज्यादा अलग नहीं है। जीरा, सौंफ, लौंग, इलायची जैसे मसालों में भाव स्थिर हैं। मांग न बढ़ने से बाजार में न तो तेजी आ रही है और न ही कोई खास गिरावट दिख रही है।