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पाकिस्तान से प्रतिबंध से अफगानिस्तान के ड्राईफ्रूट्स भी रूका,  रेट में उछाल

 

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जारी है। अटारी-वाघा बॉर्डर बंद है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय व्यापारियों ने भी पाकिस्तान से कारोबार रोक दिया है। इसका असर बिजनेस में दिख रहा है। खास तौर से खारी बावली में ऐसे ड्राईफ्रूट्स की कीमतों में तेजी आई है, जो पाकिस्तान से आते हैं।

इंटरनैशनल फ्रूट्स एंड नट्स ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर रवींद्र मेहता ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान अफगानिस्तान व्यापार का हुआ है। भारत और अफगानिस्तान के बीच सालाना 500 मिलियन डॉलर का व्यापार होता है। वहां से अंजीर, पिस्ता, मुनक्का, किशमिश, खुरमानी, शाहजीरा, कई किस्मों के बादाम, केसर और हींग भारत आते हैं। ये थर्ड कंट्री ट्रेड पिछले 60 साल से वाया पाकिस्तान हो रहा है। 

इस ट्रांजिट रूट से करीब 95 प्रतिशत सामान अटारी बॉर्डर से आता है। रवींद्र ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध शुरू से ठीक नहीं रहे। पाकिस्तान ऐसे मौके की फिराक में था कि किसी तरह अफगानिस्तान को चोट पहुंचे। आतंकी हमले के बाद जैसे ही भारत ने अटारी वाघा बॉर्डर बंद किया, तभी पाकिस्तान ने भी अफगानिस्तान बॉर्डर बंद कर दिया।

रास्ते में फंसी कई गाड़ियां अफगानिस्तान और भारत के बीच सामान ट्रांसपोर्ट कर रहीं 30 से 35 गाड़ियां रास्ते में फंसी हैं। रवींद्र ने बताया कि इन गाड़ियों में करीब 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का माल है। इसमें ऐसा भी माल है, जो समय पर नहीं पहुंचे, तो खराब हो सकता है। ऐसे में इन गाड़ियों के लौटने के आदेश जारी किए गए हैं। अब इंरान और दुबई के पोर्ट से अफगानिस्तान के संग व्यापार हो सकता है, लेकिन इसमें कई अड़चनें हैं। भारत सरकार से आग्रह है कि वो इन अड़चनों का समाधान कर कारोबारियों को राहत दे। 

15 से 20 प्रतिशत बढ़े भाव रवींद्र मेहता ने बताया कि अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने के बाद अंजीर, पिस्ता, मुनक्का, किशमिश, खुरमानी, बादाम, हींग के दाम में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं।  केसर के भाव में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है, क्योंकि ये फ्लाइट से आ सकती हैं। 

अब व्यापार वाया पाकिस्तान कब खुलेगा, यह कोई नहीं जानता। भारतीय व्यापारी तो केंद्र सरकार के साथ है। वाया पाकिस्तान कोई भी कारोबार करने के खिलाफ है, लेकिन विकल्प पर काम करना होग।

कितना होगा असर

 आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2024-25 (अप्रैल जनवरी) के दौरान अफगानिस्तान से 59.14 करोड़ डॉलर का आयात किया था, जिसमें 35.5 करोड़ डॉलर का सूखा मेवा शामिल था।

 दिल्ली के आयातकों का कहना है कि फिलहाल तो कोई बड़ा असर नहीं दिखेगा, लेकिन 10 दिन बाद सप्लाई रुकने से कीमतों में लगभग 20% की बढ़ोतरी हो सकती है। एक रिपोर्ट की मानें तो अफगानिस्तान से हर साल सवा लाख टन ड्राई फ्रूट्स भारत में आते हैं।