{"vars":{"id": "115716:4925"}}

12वीं के विधार्थियों ने किया कमाल, बिना बिजली के चलने वाला फ्रीज किया तैयार

12वीं के विधार्थियों ने किया कमाल, बिना बिजली के चलने वाला फ्रीज किया तैयार
 

बिना बिजली के चलने वाला ऐसा फ्रिज हो, जो 13 घंटे तक दवाओं और वैक्सीन को ठंडा रखे। सुनने में साइंस फिक्शन जैसी बात लगती है, लेकिन इंदौर के तीन स्टूडेंट्स ने इसे हकीकत बना दिया है। 12वीं में पढ़ने वाले मृदुल जैन, मिथरान लढ़ानिया और ध्रुव चौधरी ने ‘थर्मावॉल्ट’ नाम का पोर्टेबल रिफ्रिजरेटर बनाया है, जो माइनस 4 डिग्री तक का तापमान बनाए रख सकता है, वो भी बिजली के। इस इनोवेशन ने तीनों को ‘द अर्थ प्राइज’ जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में एशिया की टॉप टीम बना दिया है।

खास है थर्मावॉल्ट दूर-दराज के गांवों में आज भी दवाएं और वैक्सीन सुरक्षित पहुंचाना बड़ी चुनौती है। बिजली की कमी और ट्रांसपोर्ट के साधनों की कमी से कई बार वैक्सीन खराब हो जाती है। ‘थर्मावॉल्ट’ इस समस्या का स्मार्ट सॉल्यूशन है। यह 12 लीटर का केमिकल-रिएक्शन बेस्ड रेफ्रिजरेटर है, जिसे पानी, अमोनियम क्लोराइड और बेरियम हाइड्रॉक्साइड की मदद से ठंडा किया जाता है। अंदर की कॉपर लेयर और ग्लास फाइबर की डिजाइन इसे 13 घंटे तक ठंडा रखती है।

कहां से आया आइडिया

इन तीनों छात्रों के पैरेंट्स डॉक्टर हैं। जब उन्होंने देखा कि वैक्सीन भेजने में कितनी दिक्कतें आती हैं, तो उन्होंने इसे अपना प्रोजेक्ट बना लिया। नवंबर 2024 से इस पर काम शुरू किया और अब इकोफ्रेंडली प्रोटोटाइप तैयार है।

15500 में से चुने गए इस प्रोजेक्ट को ‘द अर्थ प्राइज’ में शामिल किया है, जिसमें दुनियाभर के 15,500 से ज्यादा आइडियाज भेजे गए थे। एशिया रीजन की टॉप 5 टीमों में इनका नाम आया। अब ये रीजन से इकलौती टीम है जो फाइनल राउंड में पहुंची है। अब ऑनलाइन वोटिंग होगी