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सोयाबीन में पीला मोजेक वायरस, समय से पहले पते पीले होकर झड़ना, फलियों का विकास रुकने जैसे प्रकोप देखने को मिला, कृषि वैज्ञानिकों ने दौरा कर बताया नियंत्रण ऐसे करें

 

कृषि विभाग के जिला स्तरीय निगरानी दल ने सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। इस दौरान फसल में मुख्य रूप से तम्बाकू की इल्ली और सफेद मक्खी का प्रकोप देखने को मिला।

कृषि वैज्ञानिक आरपी शर्मा ने किसानों को तम्बाकू की इल्ली के प्रबंधन के लिए ब्रोपलानिलाइड 300 ग्राम प्रति लीटर एससी (42 से 62 ग्राम प्रति हेक्टेयर) या नोबाल्युरोन+ इन्डोक्साकार्ब 4.50
प्रतिशत एससी (850 मिली प्रति हेक्टेयर) के उपयोग की सलाह दी।

पीला मोजेक रोग वाहक सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए एसिटामिप्रिड 25% + बायफेंथ्रिन 25% डब्ल्यूजी (250 ग्राम/हे.) या फ्लोनीकेमिड 50% WG (200 ग्राम/हे.) के उपयोग की अनुशंसा की। निरीक्षण दल में विलास पाटिल सहायक संचालक कृषि, निरंजनसिंह गुर्जर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं ब्रजेश उपाध्याय कृषि विस्तार अधिकारी शामिल थे।