यह ग्वार की फसल कम खर्चे में अधिक आमदनी देती है, बिजाई के लिए अभी है सही समय
ग्वार बारानी क्षेत्रों की जरूरी फसल है, जो कम खर्च में अधिक आमदनी देती है। यह भूमि की उपजाऊ शक्ति में भी सुधार लाती है। ग्वार विशेषज्ञ डॉ. बीडी. यादव ने बताया कि ग्वार की बिजाई के लिए जून माह का दूसरा पखवाड़ा सबसे उपयुक्त है और ग्वार की बिजाई के लिए अब समय शुरू हो गया है। जिस किसान के पास नहर का पानी उपलब्ध है वह अपने खेतों में जून के महीने में पानी लगाकर या प्री-मानसून/मानसून की बारिश पर बिजाई करके अच्छी पैदावार ले सकते हैं। उन्होंने बिजाई के लिए किसानों को ग्वार की उन्नत किस्में एचजी 365 व एचजी 2-20 का प्रमाणित बीज प्रयोग करने की सलाह दी।
ग्वार का जड़ गलन रोग से बचाव के लिए करें यह उपाय
ग्वार में जड़ गलन रोग एक मुख्य बीमारी है जो पैदावार को 20-45 प्रतिशत तक प्रभावित करती है। इसकी रोकथाम के लिए 3 ग्राम कार्बान्डाजिम 50 प्रतिशत बेविस्टीन प्रति किलो बीज की दर से सुखा उपचारित करने के बाद ही बिजाई करनी चाहिए। ऐसा करने से 80 से 95 प्रतिशत इस रोग पर काबू पाया जा सकता है। इस बीमारी के रोकथाम में बीज उपचार ही एक मात्र समाधान है।
बिजाई के समय गवार में इस प्रकार डालें खाद
ग्वार की बिजाई के समय 100 किलो सुपर फास्फेट तथा 15 किलो यूरिया या 35 किलो डीएपी प्रति एकड़ के हिसाब से ड्रिल करें। जल्दी बिजाई करने वाली किस्म एचजी 2-20 का 3 किलो बीज प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें तथा लाइन से लाइन की दूरी 2.0 फीट और एचजी 365 ग्वार की किस्म के लिए 4 किलो बीज प्रति एकड़ जिसकी बिजाई 1.5 फीट पर करें।