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पांच करोड़ किसानों को केंद्र सरकार ने दिया तोहफा, एमएसपी में 15 रुपये की बढ़ोतरी 

 

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में बुधवार को 2025-26 की पेराई सीजन (अक्टूबर से सितंबर) के लिए गन्ने के उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 355 रुपये प्रति क्विंटल तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पिछले साल की पेराई सीजन के मुकाबले 15 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। 

2024-25 में सरकार ने 2023-25 के पेराई सीजन के मुकाबले 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। यह फैसला 2024 के आम चुनाव से ठीक पहले हुआ था। बहरहाल, नया दाम एक अक्टूबर, 2025 से होने वाली गन्ना खरीद के लिए लागू होगा। केंद्र के इस फैसले से देश के दूसरे राज्यों पर भी गन्ने के एफआरपी को बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में अपनी परामर्श मूल्य समिति की सिफारिशों पर कीमत तय की जाती है। किसान संगठनों की तरफ से गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल की मांग की जा रही है।

सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया की सीसीईए की बैठक में देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शिलांग (मेघालय) से लेकर सिलचर (असम) के बीच 166.8 किलोमीटर लंबी हाई स्पीड रोड कारिडोर बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई गई है। इस परियोजना की कुल लागत 22,864 करोड़ रुपये होगी। इसका बड़ा हिस्सा मेघालय में होगा। 

यह न सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों के बीच आने-जाने की सहूलियत को काफी बढ़ा देगा बल्कि दश के रणनीतिक हितों के लिए भी इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस फैसले पर गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूर्वोत्तर का विकास हमेशा से मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। जबकि एफआरपी बढ़ाने पर कहा कि इस निर्णय से करीब पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों को लाभ होगा।

पूर्वोत्तर राज्य चारों तरफ से चीन व बांग्लादेश से घिरे हुए हैं। पूरे देश से यह एक छोटे से भौगोलिक स्थल से जुड़े हुए हैं। चीन के साथ बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत सरकार ने पिछले एक दशक के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में संचार के साधनों को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। बुधवार को सीसीईए का फैसला इस प्रक्रिया को और तेज करेगा। सरकार की तरफ से बताया गया है कि यह परियोजना मेघालय व असम के कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों को आपस में जोड़ेगा। इससे पूरे क्षेत्र के विकास में भी मदद मिलेगी।