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पुलिस ने मांगी रिश्चत तो आईएएस बनकर किया पिता का सपना पूरा

पुलिस ने मांगी रिश्चत तो आईएएस बनकर किया पिता का सपना पूरा
 

वैसे तो जो युवा यूपीएससी की तैयारी करते हैं, वह यह सपना लेकर ही चलते हैं, लेकिन बलिया की रहने वाली एक लड़की के जीवन में हुई एक घटना ने उसे यूपीएससी की तैयारी करने की तरफ प्रेरित किया। पहले तो यह लड़की यूपीएससी पास करके आईपीएस बनी, उसके बाद फिर आईएएस बन गई। उसने आईएएस बनकर अपने पिता का सपना पूरा किया। 


कई बार हमारे जीवन में ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिनसे प्रेरित होकर हम कोई अच्छा मार्ग चुन लेते हैं या फिर बुरा मार्ग पर चुन लेते हैं। यह घटना हमारे जीवन की दिशा और दशा बदल देती है। कोई घटना मन पर ऐसा प्रभाव डालती है, जिसके बाद हम अपने मन में उसे पूरा करने की ठान लेते हैं और उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। ऐसी ही कहानी है बलिया निवासी गरिमा सिंह की। उसके जीवन में भी एक ऐसी घटना घटी, जिसके बाद उसने यूपीएससी को पास करने की ठान ली। पहले जब उसने यूपीएससी पास की तो वह आईपीएस बन गई, लेकिन दोबारा फिर से उसने परीक्षा पास की और आईएएस बन गई। ऐसे बहुत कम युवा होते हैं, जो दो बार इस परीक्षा को पास करते हैं। गरिमा सिंह पहले डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी, लेकिन कॉलेज के दिनों में उसके साथ एक ऐसी घटना हुई, जिसके बाद उसने यूपीएससी की तरफ रुख किया। 


दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज सेंट स्टीफंस में वह पढ़ाई कर रही थी। पढ़ाई के दौरान एक बार वह कहीं जा रही थी। रास्ते में चेक प्वाइंट पर पुलिस ने उसे रोक लिया और रिश्वत की मांग की, लेकिन गरिमा सिंह ने इसका विरोध किया और पैसे देने से मना कर दिया। उसके बाद उसकी सोच ही बदल गई और उसने यूपीएससी पास करके समाज में बदलाव का मन बनाया। उसने सोचा कि सिस्टम का हिस्सा बनकर ही सिस्टम को बदला जा सकता है। 


पहली बार में ही परीक्षा की पास
इस घटना के बाद गरिमा सिंह ने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का निर्णय लिया। उसने पूरी मेहनत के साथ पहली ही बार में 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। आईपीएस बनने के बाद उसे उत्तरप्रदेश कैडर मिला। उसने इस दौरान अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाई। वह लोगों की मदद करती और भ्रष्टाचार के ​खिलाफ लड़ाई लड़ती। समाज की सुरक्षा उसकी प्राथमिकताओं में से एक थी। गरिमा सिंह के पिता का सपना था कि उसकी बेटी आईपीएस की बजाय आईएएस बने। इसके बाद गरिमा ने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए नौकरी के साथ-साथ खुद पढ़ाई भी शुरू कर दी। उसने एक बार फिर चार साल बाद यूपीएससी की परीक्षा 2016 में पास की। इस बार उसकी 55वीं रेंक आई और उसने आईएएस में अपनी जगह बनाई। 


सोशल मीडिया से रही पूरी तरह दूर
इस समय गरिमा सिंह झारखंड में आईएएस अ​धिकारी के रूप में तैनात है। अपनी पढ़ाई के दौरान गरिमा सिंह ने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाकर रखी। इस दौरान वह अपने दोस्तों से भी बहुत कम मिलती-जुलती थी। उसका यह अनुशासन और समर्पण अन्य युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। गरिमा सिंह ने ​शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सश​क्तिकरण जैसे क्षेत्रों में अनेक कार्य किए हैं। 


सही समय पर लिया फैसला, बदल जाएगी जिंदगी
आपका सही समय पर सही फैसला आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है। ऐसी प्रेरणा हमें गरिमा सिंह की जिंदगी से मिलती है। गरिमा सिंह ने अपनी एक आवाज सुनी और यूपीएससी की तरफ अपना ध्यान जमाया। गरिमा सिंह की कहानी से हमें ​​शिक्षा मिलती है कि यदि इरादे मजबूत हों, लक्ष्य स्पष्ट हो तो हमें कोई भी ताकत अपना सपना पूरा करने से नहीं रोक सकती। गरिमा सिंह ने खुद की जिंदगी तो बदली ही, साथ ही आज वह समाज को एक नई दिशा दे रही हैं।