Movie prime

Rabi Crop Storage: रबी फसलों के बीजों का भंडारण करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं होगा नुकसान

 

Rabi Crop Storage Tips:
देश में किसान रबी की फसल निकाल कर अपने घरों में ले आए हैं। इस समय आप गेहूं, चना, मसूर, तिवड़ा, सरसों आदि रबी फसलों की कटाई-गहाई के पश्चात पर्याप्त धूप में सुखाकर अगले वर्ष के लिए भण्डारण का कार्य कर रहे होंगे। ध्यान रहे, बीजों का भण्डारण उचित तरीके से न हो तो 12 से 15 प्रतिशत तक बीज खराब हो जाते हैं। भण्डारित बीज में मुख्यतः पल्स बीटल, खपरा बीटल, घुन, अनाज की सुरसुरी, पतंगा, चपरा भंग आदि का प्रकोप होता है। इसलिए भंडारण का उचित तरीका अपनाएं।

भण्डारण से पूर्व सावधानियां

खलिहान, कटाई, गहाई, अनाज ढुलाई में उपयोग आने वाली ट्रॉलियों को अच्छी तरह साफ कर लें। भण्डारण पूर्व बीज को अच्छी तरह सुखा लें, दानों में नमी 10% से अधिक न हो। भण्डार गृह की दीवारों, फर्श व छतों की साफ-सफाई कर दरारों को सीमेंट से भर दें। दीवारों पर तारकोल की पुताई करें। बीज भण्डारण के लिए नई बोरियों का उपयोग करें। पुरानी बोरियां लेनी पड़ें तो उन्हें 0.1 प्रतिशत मेलाथियान 50 ई.सी. के घोल में 10-15 मिनट तक भिगोकर छाया में सुखा लें।

बीज व अनाज के भण्डारण के लिए ई.डी.बी. एम्प्यूल, एल्यूमीनियम फास्फाइड, ई.डी.सी.टी. का उपयोग करें।

ई.डी.बी. एम्प्यूल एक कपड़े की छोटी थैली, जिसमें कांच का एम्प्यूल अंदर कपड़े को सिलकर बंद किया हुआ होता है। यह प्रधूमन 3 मिली, 6 मिली एवं 10 मिली के एम्प्यूल में मिलता है। इसकी मात्रा साधारणतः 3 मिली प्रति क्विंटल बीज के लिए ली जाती है।

एल्यूमीनियम फास्फाइड एक छोटे पाउच में बाजार में उपलब्ध है, जो गैसगामी पैकेट में चूर्ण के रूप में रखा होता है। इसे ऊपर से गैस रोधी आवरण में बंद किया जाता है। उपयोग से पहले बाहरी आवरण को हटा लें और तुरंत ही अनाज के अंदर दबा दें।

ई.डी.सी.टी एक इथाइलीन डाईपलोराइड कार्बन टेट्राफ्लोराईड का आयतन के अनुपात में 1:3 का मिश्रण होता है। यह आधे लीटर, 1 लीटर व 5 लीटर की पैकिंग में मिलता है। इसका उपयोग अधिकतर बड़े भण्डार गृहों में किया जाता है। इसका उपयोग 30-40 किग्रा प्रति 100 घन मीटर के हिसाब से प्रधूमन के लिए उपयोग किया जाता है।

ग्रामीण स्तर पर पाए जाने वाले परम्पारागत भण्डार पात्र बांस की कोठी, मिट्टी की कोठी, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी की कोठी, ड्रम, भूतल कोठी का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त पूसा बिन, पूसा कोठार, व पूसा घरेलू मैटल बिन का भी उपयोग कर सकते हैं।

भण्डारण के समय बीज व अनाज की बोरियों को जमीन व दीवार से सटाकर न रखें।

बीज व अनाज में भण्डारण के समय नीम की निम्बोली मिलाएं।

बोरियों के ढेर का आकार 6-9 मीटर से अधिक न हो।

भण्डार गृह की दीवार एवं दो बोरियों के ढेरों के बीच 30 सेमी का अंतर रखें।