Health Tips: हाथों और पैरों में सुन्नपन दे रहा इस बीमारी का संकेत, नता-तुला खाने से बिगड़ रही सेहत
Health Tips: बदलते दौर के बीच खान-पान में भी खूब सारा बदलाव हुआ है। स्वास्थ्य पर आती गंभीर चुनौतियों से निपटने के लिए कुछ लोग डाइट पर हैं तो कुछ मोटापे से बचने या अन्य कारणों से नता-तुला खा रहे हैं। यही वजह है कि लोग कुछ जरूरी विटामिन से वंचित होकर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। आरबीएम अस्पताल में भी इस तरह के रोगी सामने आ रहे हैं।
आरबीएम अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों में अच्छी-खासी संया ऐसे मरीजों की है, जो विटामिन-बी की कमी से जूझ रहे हैं। जांच रिपोर्ट व लक्षणों के आधार पर ऐसे मरीजों को दवा, इंजेक्शन और खानपान में बदलाव की सलाह दी जा रही है।
चिकित्सक बताते हैं कि विटामिन बी-12 की कमी तब होती है, जब डाइट में विटामिन बी-12 के अपर्याप्त सेवन या भोजन में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसकी कमी से रक्त में लाल कणिकाओं की कमी से एनीमिया हो सकता है।
न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में तंत्रिका तंत्र प्रभावित होने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हृदय रोग का खतरा भी बढ़ता है। प्रारंभिक लक्षणों की बात करें तो चलते-चलते लडखड़ाना एवं हाथ-पैर में झुनझुनी इसके संकेत हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि ऐसे मरीजों को दूध या दूध से बनी वस्तुओं का अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
यह लक्षण दिखें तो हो जाएं सावचेत
विटामिन बी-12 की कमी से थकान और कमजोरी होती है। कुछ मामलों में त्वचा बहुत पीली हो जाती है। ध्यान केन्द्रित करने की क्षमता और याददाश्त पर असर पड़ता है। इसके अलावा मुंह में छाले होते हैं, जो खान-पान भी मुश्किल कर देते हैं।
हाथों और पैरों में सुन्नपन, सुई या जलन की तरह महसूस होती है। चलने में कठिनाई के साथ ही सांस की तकलीफ हो सकती है। कब्ज या दस्त की समस्या के साथ पेट खराब हो जाता है। इससे भूख कम लगती है और आंखों की रोशनी में बदलाव आता है।
कमी होने पर यह करें उपाय
- विटामिन बी-12 की खुराक लें।
- शराब के सेवन से बचें।
- एसिड कम करने वाली दवाओं का सेवन करें।
- मेटफार्मिन जैसे मधुमेह विरोधी दवाओं का इस्तेमाल कम करें।