अब बिना टावर के मिलेगा मोबाइल सिग्नल, दूर दराज एरिया में भी नहीं होगी सिग्नल की दिक्कत
एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने रविवार सुबह 6:23 बजे फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। लॉन्चिंग के समय अमरीका में पूर्णिमा की रात थी। रॉकेट चांद के पास से गुजरा। इस मिशन में फाल्कन-9 ने 21 स्टरलिंक सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया। इनमें से 13 सैटेलाइट्स ‘डायरेक्ट टू सेल’ तकनीक से लैस हैं। इस तकनीक से बगैर टावर मोबाइल फोन से सीधे सैटेलाइट कनेक्टिविटी संभव होगी। इससे दूरदराज के इलाकों में मोबाइल सिग्नल मिल सकेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक फाल्कन- 9 के ऊपरी चरण ने सभी 21 सैटेलाइट्स को करीब एक घंटे में उनकी कक्षा में स्थापित कर दिया। अब ये सैटेलाइट्स ऑपरेशनल ऑर्बिट में जाएंगे। इससे स्टारलिंक के 7,000 से ज्यादा सैटेलाइट्स वाला नेटवर्क और सशक्त होगा । यह नेटवर्क दुनिया में लो-लेटेंसी हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं दे रहा है।
स्पेसएक्स ने लॉन्चिंग को एक्स पर लाइव स्ट्रीम किया। डायरेक्ट टू सेल सुविधा की शुरुआत अमरीका में टी-मोबाइल के साथ साझेदारी में की जाएगी। इसका मकसद समुद्र, पहाड़ों और अन्य दूरस्थ इलाकों में नेटवर्क उपलब्ध कराना है। स्पेसएक्स की यह 400वीं उड़ान थी। इस साल फाल्कन-9 की यह 42वीं लॉन्चिंग है। इनमें से 28 स्टारलिंक मिशनों के लिए की गईं। कंपनी का लक्ष्य आने वाले समय में नेटवर्क को 42,000 उपग्रहों तक विस्तारित करना है।
इस मिशन में इस्तेमाल किया गया बूस्टर पहले भी नौ बार उड़ान भर चुका है। लॉन्चिंग के करीब 2.5 मिनट बाद बूस्टर पृथ्वी की ओर लौट आया और अटलांटिक महासागर में ड्रोनशिप पर सुरक्षित उतर गया। स्टारलिंक की सेवाएं अमरीका, कनाडा समेत कई देशों में मिल रही हैं। फिलहाल भारत में इसकी लॉन्चिंग नहीं हो सकी है।