tomato planting : टमाटर की पौध बनाने,लगाने व सही समय से मिलेगा अच्छा उत्पादन ,जाने पूरी विधि
अधिक उत्पादन के लिए वैज्ञानिक विधियां अपनाएं। डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा, सब्जी सलाहकार ने बताया कि किसानों को 3 से 4 बार खीरा का उत्पादन लेने के बाद टमाटर एवं चेरी टमाटर की पौध को जुलाई के अंतिम सप्ताह से लेकर 15 अगस्त तक तैयार करें। अगस्त के अंतिम सप्ताह से लेकर 15 सितंबर तक रोपाई करें। समतल भूमि पर 50 किलोग्राम डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), 35 किलो म्यूरेट ऑफ पोटोश (पोटाशियम क्लोराइड), 10 से 12 टन गोबर की गली सड़ी हुई खाद, चार से पांच टन केंचुआ खाद और 10 से 12 बैग जिप्सम को प्रति एकड़ की दर से मिलाकर भुरकाव कर दें।
ब्लैक प्लास्टिक प्रो ट्रे की विधि से तैयार करें पौध
सामान्य टमाटर की एनएस 4266, हिमसोहना, हिमशिखर, नौवारा, लिडरटन और टीएच 2833 अधिक उत्पादन देने वाली शंकर प्रजातियां हैं, जबकि चेरी टमाटर की चेरी शिरान, शीजा, ओले, पंजाब रेड ब्यूटी, प्रसिद्ध शंकर प्रजातियां हैं। किसानों को अगस्त के शुरू में ब्लैक प्लास्टिक प्रो ट्रे की विधि से सॉयल्लेस कल्चर मीडिया में इन टमाटर के बीजों की बिजाई करके अगस्त माह के शुरू में धूप से बचाकर पौध तैयार की जानी चाहिए। सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा करनाल से संपर्क कर सकते है।
उत्तम विधि से करें पौध की रोपाई... 30 दिन की पौध
को 15 सितंबर तक ऊपर उठे बैडों पर जिन पर प्लास्टिक मल्च बिछी होती है, दो कतारों में टपक सिंचाई करें। टपका सिंचाई की नालियों का फासला 30 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 40 से 45 सेंटीमीटर रखना अनिवार्य है। एक बैड का दूसरे बैड से अंतर 180 सेंटीमीटर का होना चाहिए, बैड का आधार 80 से 100 सेंटीमीटर रखें, बैड की ऊंचाई 45 सेंटीमीटर रखें जबकि बैड का माथा 60 सेंटीमीटर होना चाहिए।