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गेहूं की बिजाई के लिए धान, बाजरा व कपास आधारित फसल चक्र के अनुसार करें उन्नत किस्मों का चयन
गेहूं की बिजाई के लिए नवंबर उपयुक्त समय
 

गेहूं की बिजाई के लिए नवंबर उपयुक्त समय है। धान, कपास, बाजरा आदि फसल चक्रों के अनुसार ही किस्मों का चयन करें। गेहूं का 40 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ डालें। पछेती बिजाई के लिए 25% ज्यादा बीज इस्तेमाल करें। मोटे दानों वाली किस्मों का 50 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ डालें। गेहूं की बिजाई बीज एवं उर्वरक ड्रिल से करनी चाहिए और बिजाई से पूर्व इसको मिला लेना चाहिए। लंबी बढ़ने वाली सी-306 किस्म की बिजाई 6-7 सेंटीमीटर गहरी करें, जबकि अन्य किस्मों को 5-6 सेंटीमीटर गहरी बोएं। समय की बिजाई के लिए दो खुड्डों का फासला 20 सेंटीमीटर रखें।

धान के खेत में ये किस्में बोएं

धान वाले खेत में बिजाई के लिए डब्ल्यूएच 1105, डब्ल्यूएच 1184, एचडी 2967, डीपीडब्ल्यू 621-50, डीबीडब्ल्यू 88, एच डी 3086, डब्ल्यूएच 283, पीबीडब्ल्यू 550, डब्ल्यूएच 542 की बिजाई 15 नवंबर तक करें। पछेती बिजाई के लिए डब्ल्यूएच 1124, डीबीडब्ल्यू 90, एचडी 3059, डब्ल्यू एच-1021, पीबीडब्ल्यू 373 एवं राज-3765 किस्म चुनें।

बाजरा-कपास के खेत में ये बोएं

बाजरा-कपास वोले खेत में गेहूं की बिजाई 15 नवंबर तक कर लें। बारानी क्षेत्रों में सी 306 डब्ल्यूएच 1080, डब्ल्यूएच 1025 की बिजाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के प्रथम सप्ताह तक कर लें। कठिया गेहूं की किस्मों डब्ल्यूएच 896, डब्ल्यूएच 912, डब्ल्यूएचडी 943 की बिजाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवम्बर का प्रथम सप्ताह है।

कनकी की रोकथाम के लिए करें यह उपाय

कनकी पर नियंत्रण के लिए बिजाई के बाद व उगने से पहले पैण्डीमैथालीन 30 ईसी. को 2 लीटर प्रति एकड़ या अवकिरा पैरोक्सासल्फोन 85 प्रतिशत का 60 ग्राम प्रति एकड़ को 2.0 लीटर पैण्डी मैथालीन प्रति एकड़ के साथ 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।

रोगों से बचाव को करें बीजोपचार

बीज व मृदा जनित रोगों से बचाव के लिए वीटावैक्स या बाविस्टिन 2 ग्राम या रैक्सिल-2 डीएस एक ग्राम प्रति किलोग्राम बीज से बीज का उपचार करें। बिजाई से पूर्व बीज का थाइरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम से सूखा उपचार करें।


देसी किस्मों में यह खाद डालें

देसी किस्मों के लिए 24 किलोग्राम नाइट्रोजन 12 बिजाई पर व पहले पानी पर, यूरिया 26 किलोग्राम, 12 किलोग्राम फास्फोरस बिजाई पर 75 किग्रा. एसएसपी 12 किलोग्राम पोटाश बिजाई पर व 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट प्रति एकड़ के हिसाब से डालें।


मिट्टी की जांच के आधार पर डालें खादः मिट्टी की जांच के आधार पर ही खाद दें। बौनी किस्मों में सिंचित धान व बाजरा के बाद 30 किग्रा नाइट्रोजन 65 किग्रा यूरिया, 24 किग्रा फास्फोरस 150 किग्रा एसएसपी 24 किग्रा पोटाश व 10 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति एकड़ बिजाई के समय ड्रिल करें।