Movie prime

जल्दबाजी में नहीं करें हाईवे का निर्माण, बोले एनएचआई अ​धिकारी गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान रहे

 

 देश में हाइवे निर्माण करने वाली सरकारी एजेंसी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हाइवे निर्माण करने वाली कंपनियों को चेतावनी जारी की है। अ​धिकारियों की तरफ से कहा गया है कि हाइवे निर्माण में क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। जल्दबाजी में हाइवे का उद्घाटन नहीं करवाना चाहिए। निर्माण कार्य की जांच सही तरीके से होने के बाद ही इसका उद्घाटन करवाया जाए। अ​धिकारियों को ऐसा इसलिए कहना पड़ा क्योंकि कई बार हाइवे निर्माण के बाद उसमें कमियां मिल जाती हैं। जल्दबाजी में कंपनियां निर्माण सामग्री भी अच्छी नहीं लगाती और हाइवे जल्द टूटने लगते हैं।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण में भी इसी तरह की ​शिकायतें आई थी। यदि किसी कारण प्रोजेट में देरी हो जाती है तो कोई बात नहीं लेकिन गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता सहन नहीं होगा। 
पिछले दिनों एनएचएआई की हुई बैठक के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग व्यवस्था से जुड़े दो उच्च अ​धिकारियों ने सड़क के निर्माण की गुणवत्ता पर जोर दिया है।

उन्होंने अपने मातहत अ​धिकारियों से कहा कि वह उद्घाटन की जल्दबाजी नहीं करें। उनकी प्राथमिकता परियोजना में गुणवत्ता होनी ज्यादा जरूरी है। खासकर ऐसे प्रोजेक्ट जिनका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना है, उनमें किसी प्रकार की यदि कोई दिक्कत आती है तो फिर उनकी खैर नहीं है। अ​धिकारियों ने साफ कहा है कि यदि निर्माण कार्य पूरा होने में एक-दो महीने की देरी हो जाती है तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन यदि निर्माण में खामियां रह जाती हैं तो यह बहुत बड़ी गड़बड़ है, इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। जल्दबाजी में किए गए उद्घाटन के बाद किरकिरी होती है। 


मंत्रालय ने भी क्वालिटी पर जोर दिया
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अ​धिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए गुणवत्ता पर जोर देने को कहा है। उन्होंने कहा कि राजमार्ग निर्माण में संख्या बढ़ाने की बजाय गुणवत्ता जरूरी है। गुणवत्ता की अनदेखी करना ठीक नहीं है। इस समय जिन हाइवे का निर्माण किया जा रहा है, वह भविष्य के 100 सालों को देखते हुए बनाए जा रहे हैं, इसलिए गुणवत्ता की एक विरासत कायम करनी है। यह हर हाल में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले 20 सालों में सड़क निर्माण का लक्ष्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद केवल रख-रखाव का ही काम रहेगा। यदि गुणवत्ता सही नहीं होगी तो रख-रखाव करना मु​श्किल होगा, इसलिए पहले ही गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है। 


25 हजार किलोमीटर हाइवे होंगे फोरलेन
वी. उमाशंकर ने कहा कि अगले दो सालों में 25 हजार किलोमीटर हाइवे को दो लेन से चार लेन करने का काम चल रहा है। इन पर 25 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जमीन अ​धिग्रहण की फिलहाल कोई समस्या नहीं है, इसलिए इन परियोजनाओं में कोई परेशानी नहीं आएगी। सरकार चाहती है कि नए प्रस्तावित हाइवे और एक्सप्रेस-वे के साथ अगले पांच साल में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2.5 लाख किलोमीटर से अधिक हो जाएगी। इनमें 95 प्रतिशत हिस्सा कम से कम फोरलेन का होगा। ऐसी सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखना जरूरी है।