सीआईआरबी ने भैंस के गर्भाधान की जानकारी के लिए यूरिन बेस्ड प्रेग्नेंसी टेस्ट किट तैयार की, इतने दिन बाद करें चेक
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी) ने भैंस के गर्भाधान की जानकारी हासिल करने के लिए यूरिन बेस्ड प्रेग्नेंसी टेस्ट किट तैयार की है। टेस्टिंग के बाद मार्केट में लॉन्चिंग के लिए सीआईआरबी ने निजी कंपनी के साथ एमओयू किया है। जल्द यह किट बाजार में मिलना शुरू होगी।
सीआईआरबी निदेशक डॉ. यशपाल शर्मा
ने बताया कि भैंसों में प्रेग्नेंसी की जांच के लिए पहले मेन्युअल तरीका या अल्ट्रासाउंड के जरिए गर्भाधान का पता लगाते थे। मेन्युअल तरीके में संक्रमण का खतरा रहता था। अल्ट्रासाउंड तकनीक महंगी पड़ती थी, लेकिन अब जो किट तैयार की गई है, उसके जरिए यूरिन लेकर गर्भाधान की जानकारी आसान से हासिल की जा सकेगी।
किट तैयार करने वाले वैज्ञानिक डॉ. अशोक बल्हारा ने बताया कि अभी किट के साथ एक डिवाइस भी होगी, जो गर्भाधान की जानकारी देगी, लेकिन अभी इसे पेपर पर ही आसानी से टेस्ट करने की भी आगे तैयारी कर रहे हैं। यह किट का एडवांस रूप होगा, अभी इस पर टेस्टिंग जारी है। इसके बाद गर्भाधान का टेस्ट करना बिल्कुल आसान होगा। गर्भाधान के 30 से 35 दिन बाद भैंस का यूरिन लेकर यह टेस्ट किया जा सकता है।
डॉ. यशपाल शर्मा ने बताया कि संस्थान ने अब तक 10 क्लोन कटड़े तैयार किए हैं। इन उत्तम नस्ल के झोटों से जो भैंस गर्भाधान हुई हैं, उनके दूध में एक से दो किलोग्राम प्रतिदिन और 300 से 600 किलोग्राम तक सालाना दूध में बढ़ोतरी हुई है। संस्थान से हर साल 3 लाख सीमन डोज देश के दूसरे प्रदेशों में भी जाती है।