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हरियाणा राजस्थान में चने की बुवाई बढ़ेगी , सरसों और चने की खेती में बड़ा इजाफा होने की संभावना
 

इस बार के रबी सीजन में राजस्थान में फसलों के पैटर्न में बदलाव देखने को मिल सकता है। सरसों और चना की खेती में बड़ा इजाफा होने की संभावना है, जबकि गेहूं का रकबा कुछ कम हो सकता है। कृषि मंत्रालय के अनुमान बताते हैं कि सरसों और चना में किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।

वहीं, जौ जैसी फसल में भी पिछले वर्षों की तुलना में अच्छी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। अन्य रबी फसलों की बुआई सामान्य रह सकती है। सरसों के मामले में राजस्थान देश का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। यहां से राष्ट्रीय उत्पादन का 45 से 49 प्रतिशत हिस्सा आता है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस सीजन में सरसों की बुआई का रकबा 36 लाख हेक्टेयर तक पहुंच सकता है, जबकि पिछले साल यह 33.72 लाख हेक्टेयर था। लगातार ऊंचे बाजार भाव और केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से सरसों की खेती किसानों को आकर्षित कर रही है। यही वजह है कि बुआई का रकबा तेजी से बढ़ने की संभावना है।

चना में भी किसानों का रुझान बढ़ता नजर आ रहा है। अनुमान है कि इस बार इसका क्षेत्रफल 21.90 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगा, जबकि पिछले साल यह केवल 16.93 लाख हेक्टेयर था। चना उत्पादन में राजस्थान का देश के शीर्ष उत्पादक राज्यों में नाम आता है। बाजार भाव सही स्तर पर चल रहे हैं और केंद्र ने इसके एमएसपी में भी अच्छी बढ़ोतरी की है।

साथ ही विदेशों से आयात में कमी और पीली मटर पर भारी-भरकम आयात शुल्क का असर भी किसानों को चना की तरफ आकर्षित कर रहा है। गेहूं की बात करें तो सरकार ने इसके एमएसपी में बढ़ोतरी की है और पिछले सीजन में बोनस भी दिया गया था।