देश के बड़े दाल बाजारों में चना के भाव में लगातार तेजी, मार्केट रिपोर्ट के अनुसार भाव में 1000 रुपए तक ओर तेजी के आसार
देश के प्रमुख दाल बाजारों में चना के भाव में लगातार तेजी बनी हुई है। इंदौर सहित दिल्ली, जयपुर और नागौर मंडियों में पिछले एक सप्ताह में चना के भाव में 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार त्योहारी मांग और सीमित स्टॉक के कारण बाजार में मजबूती का माहौल है।
मार्केट रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिनों पहले यह अनुमान जताया गया था कि जल्द ही चना के भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएंगे, और अब वही स्तर देखने को मिल गया है। इस हफ्ते इंदौर के दाल मिल क्षेत्रों में चना 5975 से 5980 रुपए के बीच बोला जा रहा है, जबकि कुछ सौदे 6000 रुपए तक भी हुए हैं।
जयपुर बिल्टी 5950 रुपए तक पहुंच चुकी है और अगली खेप 5875 से 5900 रुपए प्रति क्विंटल पर बनी हुई है। नवरात्र और दीपावली के कारण दालों की मांग में वृद्धि हुई है। महाराष्ट्र और राजस्थान की मिलों में चना की खपत तेज हो गई है। कई स्थानों पर पुराने स्टॉक में कमी आई है, जिससे नई खरीदी बढ़ रही है।
दलालों का कहना है कि देश के प्रमुख उपभोक्ता बाजारों में फिलहाल चना का स्टॉक सीमित है और मिलर्स सक्रियता से खरीदारी कर रहे हैं। दिल्ली और नागौर से मिली रिपोर्ट के अनुसार अच्छी क्वालिटी वाला चना पिछले सप्ताह की तुलना में 50 से 100 रुपए मजबूत बोला जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर, सिवनी और मंडीदीप मंडियों में भी व्यापार सुस्त जरूर है, लेकिन भाव स्थिरता के साथ मजबूती की ओर हैं।
व्यापारियों का कहना है कि अगर नई आवक नहीं बढ़ी तो आने वाले दिनों में चना के भाव 6100 से 6200 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं और कुछ मंडियों में 6500 रुपए तक भी जाने की संभावना है। वर्ष 2024-25 में चना का उत्पादन अनुमान से कम रहा था। रबी सीजन की फसल का बड़ा हिस्सा पहले ही बिक चुका है और नई बुआई शुरू होने में अभी समय है। ऐसे में मिलर्स और व्यापारियों के पास मौजूदा स्टॉक सीमित बचा है। वहीं निर्यात की सक्रियता और घरेलू मांग ने भी भावों को सहारा दिया है। व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि आने वाले 10 से 15 दिन बाजार के लिए अहम रहेंगे। यदि मांग बनी रही और नई आवक सीमित रही तो चना 6500 रुपए क्विंटल तक पहुंच सकता है।
फिलहाल बाजार में भाव मजबूती के साथ बोले जा रहे हैं और व्यापारियों की नजर त्योहारी मांग पर टिकी ।