लॉकडाउन में फुटबॉल का प्रशिक्षण देने के बहाने बुलाकर कोच ने किया दुष्कर्म
हरदा,11 जून (इ खबर टुडे)। कोरोना के संक्रमण लोगों को बचाने जब पूरे देश में लॉकडाउन थे। इस दौरान फुटबॉल के कोच ने एक नाबालिग को प्रशिक्षण देने के बहाने बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोपित कोच ने जुर्म भी कुबूल कर लिया, पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है। खास बात यह है कि इस कोच के पास प्रशिक्षण देने के लिए न तो कोई डिग्री है और ना ही लॉकडाउन में उसने प्रशासन से अनुमति ली थी।
विगत दिनों शहर के रहने वाले फुटबाल के कोच शिक्षक दीपक पुरबिया ने फुटबॉल में हवा भरने के बहाने से एक नाबालिग से 24 मई को दुष्कर्म किया था। इसके बाद बीते मंगलवार को नाबालिग ने थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने नाबालिग के परिजनों की शिकायत पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
थाना प्रभारी उमेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि आरोपित दीपक पुरबिया द्वारा जुर्म कबूल कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से आरोपित को जेल भेज दिया गया है। इधर शहर सहित जिले भर में दीपक पुरविया शहर के एक निजी स्कूल में बच्चों को खेल का प्रशिक्षण देता था, लेकिन उसके पास कोई भी खेल शिक्षा की डिग्री नहीं है।
तथाकथित फुटबॉल कोच के रूप में यह बच्चों को नेहरू स्टेडियम पर फुटबॉल का प्रशिक्षण देता था। हालांकि इसके पहले आरोपित का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। इधर शिक्षा विभाग ने अब हरकत में आ गया है। तथाकथित फुटबॉल कोच दीपक पुरबिया द्वारा दुष्कर्म करने के मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के डीईओ देवेंद्र रघुवंशी ने बताया कि जिले के समस्त निजी स्कूलों से खेल शिक्षकों की जानकारी मांगी जाएगी। साथ ही स्कूलों से खेल शिक्षकों का चरित्र सत्यापन भी मांगा जाएगा।
पहले भी खेल प्रशिक्षकों पर लगे आरोप
2017 में कराते कोच युसूफ मंसूरी, 2018 में क्रिकेट कोच मेहमूद कुरैशी, 2017 में कराते प्रशिक्षक नीलेश सेन पर भी दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। फिलहाल सभी जमानत पर हैं।
सभी निजी स्कूलों को लिखेंगे पत्रः रघुवंशी
प्रभारी डीईओ देवेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि निजी कोच द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले की जानकारी मिली है। शहर सहित जिले के सभी निजी स्कूलों को पत्र लिखा जाएगा। जिसमें निजी स्कूल में पदस्थ खेल शिक्षकों की जानकारी एकत्रित की जाएगी। ताकि ऐसे किसी भी फर्जी खेल शिक्षक द्वारा बच्चों को खेल का प्रशिक्षण देने से रोका जा सके।
आरोपित के पास डिग्री नहीं
जिले के प्रभारी क्रीड़ा अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि खेल शिक्षक रखना सभी निजी स्कूलों में अनिवार्य है। इसके लिए निजी स्कूलों में बीपीएड, डीपीएड, सीपीएड डिग्री धारी खेल शिक्षकों को रखना चाहिए। दुष्कर्म के मामले में आरोपित बने दीपक पुरबिया के पास कोई ऐसी डिग्री नहीं है। वह सिर्फ अपने अभ्यास के अनुभव के आधार पर बच्चों को प्रशिक्षण देता था।