February 13, 2025

NEP Meeting : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 के क्रियान्वयन को लेकर विद्या भारती मध्यक्षेत्र की दो दिवसीय बैठक संपन्न

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रतलाम,13 फरवरी (इ खबरटुडे)। वर्ष 1952 में गोरखपुर के एक सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू हुई और आज देश और दुनिया में 36 हजार विद्यालयों का सञ्चालन कर रही शिक्षा के क्षेत्र की सबसे बड़ी संस्था विद्या भारती मध्य क्षेत्र की दो दिवसीय कार्यकारिणी बैठक का आयोजन गत बुधवार को , काटजू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में संपन्न हुआ। बैठक में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 के क्रियान्वयन एवं शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से गहन विचार-विमर्श हुआ, जिसमें हिंदुत्वनिष्ठ, राष्ट्रभक्त, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक रूप से युवा पीढ़ी के निर्माण पर विशेष जोर दिया गया। विद्या भारती का उद्देश्य ऐसी शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देना है, जो भारतीय समाज में सनातन धर्म, संस्कृति -सभ्यता के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जा सके। राष्ट्रहित में समर्पित युवाओं का निर्माण किया जा सके।

बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस प्रकार शिक्षा के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों तक ज्ञान का प्रसार किया जाए और उन्हें सामाजिक कुरीतियों, शोषण एवं अन्याय से मुक्त कर एक समरस, सुसंपन्न और सुसंस्कृत सामाजिक धारा से जोड़ा जा सके।

बैठक में विद्या भारती के मध्य क्षेत्र के छत्तीसगढ़, मालवा, महाकौशल और मध्य भारत प्रांत के पदाधिकारियों ने अपने विचार साझा किए और भावी कार्ययोजनाओं पर गहन चिंतन- मनन किया।इन 2 दिन की परिचर्चा को दस कालांश में विभाजित कर शिक्षा, शिक्षण , शिक्षक प्रशिक्षण एवं कक्षा कक्ष में उसका निरूपण जैसे बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया।

बैठक में श्रीराम आरावकर (सह संगठन मंत्री विद्या भारती, अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान नई दिल्ली) ,अखिलेश मिश्रा (सह संगठन मंत्री, मध्य क्षेत्र भोपाल),भालचंद्र रावले संगठन मंत्री, योगेश शर्मा मालवा, निखलेश महेशवरी मध्यभारत, अमित मिश्रा महाकोशल, डॉ देवनारायण साहू छत्तीसगढ़, मध्यक्षेत्र के अध्यक्ष विवेक शैंडे आदि ने अपने प्रबोधन के माध्यम से उपस्थित कार्यकारिणी सभा का मार्गदर्शन किया।

इस दो दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार विद्या भारती के तत्वावधान में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर एवं विद्या मंदिर में शिक्षा-शिक्षण का कार्य संपन्न होगा। बैठक में राज्य शिक्षा केंद्र से संयुक्त निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए एवं वर्तमान में मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निर्माण एवं देखरेख समिति के सदस्य संजय पटवा, शासकीय महाविद्यालय मंदसौर के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ रविंद्र सोहिल, केंद्रीय विद्यालय जम्मू कश्मीर के सेवानिवृत प्राचार्य शिक्षाविद् डॉ बालाराम परमार ‘हॅंसमुख’ विशेष रूप से सहभागी रहे।

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