ईरान ने मिसाइल से इजरायल पर बोला हमला, 200 अटैक से मचाई तबाही
तेल अवीव,02अक्टूबर(इ खबर टुडे)। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान भड़क गया है। ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर 180 से 200 हाई स्पीड बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं। हमला इजरायल को एक बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक जमीन पर ईरान का हमला लगभग फेल रहा। वेस्ट बैंक में एक मौत हुई है। ज्यादातर मिसाइल को इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही मार गिराया। कुछ मिसाइलों के टुकड़े जमीन पर गिरे हैं। लेकिन ईरान के हमले को रोकने के लिए ही इजरायल को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। इससे पहले इजरायल पर अप्रैल में सैकड़ों ड्रोन और मिसाइल से भी ईरान ने हमला किया था।
ईरान ने इजरायल पर पहले हमला करने के लिए इमाद और गदर मिसाइल का इस्तेमाल किया है, जिसकी स्पीड आवाज की रफ्तार से छह गुना या उससे ज्यादा है। ईरान से उड़ान भरने के बाद इजरायल तक पहुंचने में यह 12 मिनट का समय लेती है। इनकी स्पीड 7400 किमी प्रति घंटे है। लेकिन ईरान ने कहा है कि इस बार उसने इससे भी तेज हाइपरसोनिक फतह-2 मिसाइलों से हमला किया, जिसकी अधिकतम स्पीड 16000 किमी प्रति घंटे आंकी गई है।
इजरायल के लिए आर्थिक नुकसान
अनुमान के मुताबिक ईरान के पास लगभग 3000 बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। हालांकि यह आंकड़ा ढाई साल पहले का है, ऐसे में संख्या ज्यादा हो सकती है। कुछ ही मिनटों में बैलिस्टिक मिसाइलों की इतनी बड़ी संख्या दाग कर यह इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देने का भी प्रयास दिखाता है। क्योंकि इससे इजरायल को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है। दरअसल इजरायली डिफेंस सिस्टम की मिसाइलें महंगी हैं और उनका स्टॉक अनिश्चित है।
बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना अमेरिकी-इजरायली एरो-3 और एरो-2 डिफेंस सिस्टम का काम है। पहली बार इनका इस्तेमाल इजरायल-हमास युद्ध के दौरान किया गया था। वहीं इजरायली डिफेंस सिस्ट में सबसे प्रसिद्ध आयरन डोम है, जिसका इस्तेमाल छोटी दूरी के हमलों को नाकाम करने के लिए होता है। अक्सर हमास या हिजबुल्लाह की ओर से दागे गए रॉकेट इससे रोके जाते हैं।