Mumbai Ahmedabad high speed rail:2 साल से भी अधिक समय के बाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट ने फिर पकड़ी रफ्तार
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बुलेट ट्रेन परियोजना प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक परियोजना है। जापान की सहायता से बन रही है हाई स्पीड ट्रेन देश में रेलवे क्षेत्र में बदलाव लाने वाली है।
लगभग 2 साल से भी अधिक समय के बाद देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट फिर रफ्तार पकड़ चुकी है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर के तहत बनाई जा रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस देरी की वजह पहले की प्रशासनिक बाधाएं थी। परंतु अब काम जल्दी से हो रहा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के 370 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है। पहले की सरकार में हमें कुछ मंजूरी नहीं मिली थी जिस कारण 2 साल से ढाई साल की देरी हुई अब हम इस समय के नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रहे है ।यह काम जल्दी से पूरा कर दिया जाएगा । उन्होंने आगे बताया कि मुंबई में इस परियोजना का कार्य भी ठीक रूप से चल रहा है। समुद्र के अंदर बनाई जा रही शुरंग का लगभग 2 से 3 किलोमीटर का हिस्सा तैयार हो चुका है।
मुंबई से अहमदाबाद का सफर सिर्फ 2 घंटे में होगा तय
बुलेट ट्रेन परियोजना के तेजी से आगे बढ़ने पर राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी बताया कि उन्होंने मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन परियोजना का निरीक्षण किया है और इस देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है।
उन्होंने यह जानकारी दी की यह प्रोजेक्ट सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन में बदलाव नहीं लाएगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा करेगा।
यह परियोजना प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है । जो जापान की सहायता से बन रही है यह हाई स्पीड रेल देश में रेलवे सेक्टर में बदलाव लाने वाली है। जब यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी । तब मुंबई से अहमदाबाद के बीच की यात्रा महज 2 घंटे से भी कम समय में पूरी हो सकेगी । अब इस यात्रा में 7 से 8 घंटे का समय लगता है।
प्रोजेक्ट पूरा होने में समय
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट बहुत कम समय में पूरा कर दिया जाएगा । उन्होंने महाराष्ट्र के नेता उद्धव ठाकरे पर प्रोजेक्ट में देरी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि उद्धव ठाकरे ने इस प्रोजेक्ट को ढाई साल तक विलंब कराया है। लेकिन अब यह प्रोजेक्ट अपनी गति पकड़ चुका है और यह आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत लाभदायक रहने वाला है।