Assembly Election: सात चरणों में होंगे पांचों राज्यों के चुनाव, 10 फरवरी को पहले दौर का मतदान, 10 मार्च को मतगणना
नई दिल्ली,08जनवरी(इ खबर टुडे)। पांच राज्यों में आज चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व का श्रीगणेश हो गया है। मतदान 10 फरवरी से होगा और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में भी सियासी तापमान बढ़ चुका है। इलेक्शन डेट्स की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
इस साल पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनाव तय समय पर ही होंगे। मतदाता सूची भी जारी हो चुकी है। सभी चुनावी राज्यों में सियासी हलचलें तेज हैं। सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश चुनाव की है। 403 विधानसभा सीट वाले इस प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक बयानबाजी से नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे। चुनावी वादों की भी बौछार होने लगी है। धरना-प्रदर्शन भी खूब होने लगे हैं।
मणिपुर में 27 फरवरी को पहले चरण का मतदान और 3 मार्च को दूसरे चरण का मतदान होगा। पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में एक फेज में होंगे चुनाव। 14 फरवरी को पंजाब गोवा और उत्तराखंड में मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी। यूपी में पहले फेज का मतदान 10 फरवरी को होगा। दूसरा फेज-14 फरवरी,तीसरा फेज- 20 फरवरी,चौथा फेज-23 फरवरी,पांचवां फेज-27 फरवरी,छठा पेज-3 मार्च,सातवां फेज-7 मार्च,मतगणना-10 मार्च को होगी।
धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा। गैरकानूनी पैसे-शराब पर कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की संख्या में कमी के कारण हमें मतदान केंद्रों को बढ़ाकर 30,330 करना होगा। इससे कुल मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 हो गई है।
ऑनलाइन नामांकन दाखिल करने की वैकल्पिक सुविधा
उम्मीदवारों को नामांकन ऑनलाइन दाखिल करने की वैकल्पिक सुविधा मिलेगी। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अखबारों, टीवी चैनलों पर प्रचार अभियान की अवधि के दौरान तीन बार अपने खिलाफ लंबित मुकदमों की जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दलों को भी यह बताना होगा कि ऐसी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को उन्होंने क्यों चुना है। ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी know your candidate एप पर भी उपलब्ध होगी।
CEC सुशील चंद्र ने कहा कि कोरोना काल में पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों कोविड सेफ चुनाव कराना बेहद चुनौती भरा काम है। जैसे ही ओमिक्रोन वैरिएंट के मद्देनजर COVID के मामले बढ़े, ECI ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और गृह सचिव, विशेषज्ञों और राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठकें कीं। इन विचारों और जमीनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, चुनाव आयोग ने सुरक्षा मानदंडों के साथ चुनाव की घोषणा करने का फैसला किया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि इस बार पांच प्रदेशों की 690 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। उन्होंने कहा,’कोविड सेफ इलेक्शन कराना आयोग का मुख्य उद्देश्य है। कोरोना काल में इलेक्शन कराना एक चुनौती है।’ चंद्रा ने कहा कि 5 राज्यों में चुनाव में कुल 18.34 करोड़ वोटर हैं। इनमें 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। कुल 24.9 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनमें 11.4 लाख लड़कियां पहली बार मतदान करेंगी। सभी बूथ ग्राउंड फ्लोर पर होंगे। बूथ पर सैनिटाइजर, मास्क उपलब्ध होगा।
सुशील चंद्रा ने कहा कि 1250 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया जाएगा। पिछले चुनाव की तुलना में 16 फीसद बूथ बढ़ाए गए हैं। 1620 बूथ पर महिला पोलिंगकर्मी तैनात रहेंगी। 900 आब्जर्बर इलेक्शन पर नजर रखेंगे। आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा 80 वर्षीय से ज्यादा उम्र के नागरिकों, दिव्यांगों और कोरोना संक्रमितों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की है।
इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे। इससे पहले चुनाव आयोग की टीम सभी चुनावी राज्यों में दौरा कर स्थिति का जायजा ले चुका है। इसके साथ ही सभी दलों के बीच चुनाव को लेकर बनी असमंजस की स्थिति भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। चुनाव आयोग द्वारा तारीखों के एलान के साथ ही सभी राजनीतिक दलों की एक नई कवायद शुरू हो जाएगी। देश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए कांग्रेस आनलाइन कैंपेन कर रही है।
ऐसे करें आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत
इस बार चुनाव खर्च बढ़ाया गया है। राज्यों के दर्जे के मुताबिक विधायक उम्मीदवार 28 लाख से 40 लाख रुपए चुनाव में खर्च सकता है। आयकर, डीआरआई, रेलवे सहित कई एजेंसियों और संस्थानों को अलर्ट किया गया है कि नशीले पदार्थ, शराब, काला धन या अन्य फोकट में बांटने की चीजें लाने ले जाने वालों पर कड़ी निगाह रखें। चुनाव आयोग ने सुविधा एप बनाया है। इसके जरिए राजनीतिक दल सीधे आयोग को संपर्क कर सकते हैं। igil एप जनभागीदारी के लिए बनाया गया है। जनता इसे डाउनलोड कर एमसीसी का कोई भी उल्लंघन का वीडीओ, ऑडियो या सबूत अपलोड कर सकते हैं। शिकायतकर्ता के नाम पते की गोपनीयता के साथ कार्रवाई होगी।