November 23, 2024

Taliban captured Kandahar/तालिबान ने किया कंधार पर कब्जा, काबुल भी दूर नहीं, सिखों-हिंदुओं से भारत की अपील

कंधार ,13 अगस्त (इ खबरटुडे)। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करना अफगानियों की स्वतंत्रता का हनन है। यहां पर जब से तालिबान ने दस्तक दी है, तब से ही खूनी संघर्ष जारी है। अब तालिबानियों ने अफगानिस्तान के एक बड़े हिस्से में अपना स्थायित्व जमा लिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को तालिबान ने कंधार पर कब्जा कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ऐसा देखते हुए अब हम यह कह सकते हैं कि तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के आधे से ज्यादा हिस्से में कब्जा कर लिया है, वहीं अब राष्ट्रीय राजधानी काबुल उससे बची हुई है।

आतंकी संगठन ने 12 प्रांतीय राजधानी पर किया कब्जा
अफगानिस्तान में कंधार के बाद काबुल ही सबसे बड़ा शहर आता है। जब से अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस आई है, तब से ही तालिबान पूरी ताकत के साथ इस पर अपना हक जमाने में लगा हुआ है। अपनी इसी कोशिशों के चलते उसने अब तक कई इलाकों में कब्जा कर लिया है।

कंधार पर स्थायित्व जमाने से पहले गुरूवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानी गजनी और हेरात पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद काबुल पर कब्जा करना तालिबान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार से ये आंतकी संगठन ने अब तक 12 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।

कंधार के बाद तालिबान का अगला टारगेट
कंधार पर कब्जा कर लेने के बाद जाहिर सी बात है, अब तालिबान आतंकियों का अगला टारगेट काबुल ही रहने वाला है। इस आतंकी संगठन की अगर बात करें तो यह महज काबुल से 130 किलोमीटर की दूरी पर ही है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि तालिबान काबुल पर कब्जा करने में ज्यादा समय नहीं गवाएंगा वह मात्र एक महीने के भीतर ही उसे घेर लेगा और 3 महीने के अंदर उस पर अपना कब्जा जमा लेगा। अफगानिस्तान के प्रांत गजनी पर तालिबान के कब्जे के साथ ही काबुल को दक्षिणी प्रांतों से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण हाईवे कट गया है। इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि गजनी शहर के बाहर स्थित एक सैन्य दल और खुफिया ठिकाने पर लड़ाई चल रही है।

अफगानिस्तान के कई इलाके तालिबान के कब्जे में
तालिबानियों का कहर अफगानिस्तान के कई इलाकों पर दिखने लगा है। आतंकी संगठन ने यहां के अधिकतर इलाकों में अपना कब्जा जमा लिया है। इन इलाकों में जरांज, शेबरगान, सर-ए-पुल, कुंदुज, तालोकन, ऐबक, फराह, पुल ए खुमारी, बदख्शां, गजनी, हेरात और कंधार पर कब्जा कर लिया है। जबकि लश्कर गाह मेें अभी भी भीषण लड़ाई जारी है। वहीं तालिबान के तेजी से बढ़ते कदम को देखते हुए अफगान सरकार समझौते की बात भी कर रही है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति सत्ता के बंटवारे जैसा कोई फैसला भी ले सकते हैं।

अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए अमेरिका प्रयासरत
अफगानिस्तान के काबुल से अमेरिका अपने कुछ कर्मियों को वापस लाना चाहता है यह काबुल के दूतावास में है। इन्हें लाने के लिए अमेरिका अपने अतिरिक्त सैनिक भेजने वाला है। एक अधिकारी ने बताया कि ये सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों की वापसी में मदद करेंगे।

इस बारे में पेंटागन के प्रेस सचिव जाॅन किर्बी ने घोषणा की कि अमेरिका रक्षा विभाग काबुल से एंबेसी के कर्मचारियों को निकालने के लिए अफगानिस्तान में सेना भेजेगा। उन्होंने का कि अगले 24-48 घंटों में काबुल हवाई अड्डे पर 3 बटालियनों को उतारा जाएगा इन बटालियनों में 3000 सैनिक रहेंगे।

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