colony without permission/मध्य प्रदेश में बिना अनुमति कालोनी बनाने वालो की खैर नहीं ,दोषी पाये जाने पर होगी जेल और जुर्माने की सख्त कार्यवाही
भोपाल,11 अगस्त (इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश में बनी अवैध कॉलोनी और निर्माण के नियमितीकरण का रास्ता अब साफ हो गया है। विधानसभा में मंगलवार को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने नगर पालिका विधि (संशोधन) विधेयक प्रस्तुत किया, जो बिना चर्चा पारित हो गया।
इसमें सरकार ने तय सीमा से तीस फीसद अधिक आवास निर्माण को शुल्क लेकर नियमित करने का प्रविधान किया है। वहीं, अवैध कॉलोनियों को नियमित करके वहां विकास कार्य कराए जाएंगे। बिना अनुमति कॉलोनी बनाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसमें कम से कम तीन साल का कारावास और 10 लाख रुपये के जुर्माना से दंडित किया जाएगा। जिस अधिकारी के क्षेत्र में अवैध कॉलोनी बनेंगी, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में अवैध कॉलोनी और निर्माण को नियमित करने का मामला काफी समय से चला आ रहा है। इसको लेकर पहले भी नियम बनाए गए थे और कॉलोनियों को नियमित भी किया गया था पर न्यायालय ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके मद्देनजर सरकार ने अधिनियम में संशोधन करके प्रविधान किए हैं। इसके तहत अवैध कॉलोनियों में रह रहे लोग अपने आवास के अवैध हिस्से को शुल्क देकर वैध करा सकेंगे। कॉलोनाइजर को कॉलोनी में सभी विकास कार्य करके देने होंगे। ऐसा नहीं करने पर उसके बंधक संपत्ति को जब्त करके उसे विकास कार्य कराए जाएंगे। वहीं, प्रदेश में बिना अनुमति कॉलोनियां न बनें इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई में चूक करने पर अधिकारी जवाबदेह होंगे। वहीं, ऐसा करने वाले व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की सजा होगी। कॉलोनाइजर के रूप में पंजीयन किया जाएगा पर इसमें शासकीय निर्माण इकाइयों को छूट रहेगी। अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कॉलोनाइजर को नक्शा पास कराने से लेकर सभी अनुमतियां लेनी होंगी।
पांच हजार से ज्यादा कॉलोनियां अवैध
भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में पांच हजार कॉलोनियां अवैध हैं। इन्हें नियमित करने के प्रविधान लागू होने के बाद प्रारंभ हो जाएगी। अभी बिल्डिंग परमिशन की पांच गुना राशि देकर दस प्रतिशत तक अवैध निर्माण को नियमित कराने का प्रविधान है। इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है।
विधानसभा में चार अन्य विधेयक भी पारित
विधानसभा में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, मप्र विनियोग विधेयक, मप्र संशोधन अधिनियमों का निरसन विधेयक और मप्र माल एवं सेवा कर विधेयक भी बिना चर्चा के पारित कर दिए गए। सदन में मंगलवार को कुल छह विधेयकों को बिना चर्चा शोरगुल में पारित कर दिया गया। इन विधेयकों पर चर्चा के लिए सवा तीन घंटे का समय निर्धारित किया गया था।