टार्च की रोशनी में नसबंदी ऑपरेशन
जीवाजीगंज अस्पताल में बिजली गुल होने से बने हालात, एक सप्ताह में दूसरी बार ऐसी स्थिति बनी
उज्जैन,14 जून(इ खबरटुडे)। एक सप्ताह में दूसरी बार स्वास्थ्य विभाग में बिजली गुल होने के कारण शल्य चिकित्सा के दौरान अवरोध की स्थिति उत्पन्न हुई है। इस बार नसबंदी ऑपरेशन में अवरोध पैदा हुआ। टार्च की रोशनी में जीवाजीगंज अस्पताल में दो महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किये गये हैं।
शुक्रवार को जीवाजीगंज अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन का कैम्प था। इसी कैम्प में महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किये जा रहे थे। सुबह के समय डॉ. खुर्शीदा लोहावाला महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन कर रही थीं। इसके लिये महिलाओं को इंजेक्शन लगाये जा चुके थे। दो महिलाओं का जब ऑपरेशन शुरु किया गया उसके ठीक बाद बिजली गुल हो गई। हालत यह बन गई कि टार्च की रोशनी में दोनों महिलाओं के ऑपरेशन किये गये। सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति हेमलता पति दिलीप निवासी बड़ी खरसोद और दीपा पति दीपक निवासी ग्राम सोड़ंग के ऑपरेशन के दौरान बनी थी।
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
सूत्रों के अनुसार जीवाजीगंज अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। न तो यहां जनरेटर है और न ही इन्वर्टर ही है। इस कारण से कोई भी व्यवस्था नहीं जम पाई। हालत यह बनी कि टार्च की रोशनी में ही डॉक्टर को दोनों महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन अंजाम देने पड़े हैं।
जिला अस्पताल में भी बने थे हालात
एक सप्ताह के दरमियान जिला अस्पताल में भी इसी प्रकार के हालात निर्मित हुए थे। एक महिला को एनेस्थिसिया (बेहोशी) की दवा दिये जाने के बाद ऑपरेशन टेबल पर लेटा दिये जाने के दौरान बिजली गुल हो गई थी। इस कारण से डॉक्टरों को करीब एक घंटे तक बिजली आने का इंतजार करना पड़ा था। जिला अस्पताल में सोलर बिजली व्यवस्था होने के बावजूद इस तरह के हालात बने थे।
स्वास्थ्य में पीएस आगमन की धमक
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीर कृष्ण एक बार फिर जिलों के स्वास्थ्य विभाग की नब्ज जांचने के लिये राजधानी से निकल पड़े हैं। जहां हालात बेकाबू मिल रहे हैं वे सख्त कार्रवाई करने से नहीं चूक रहे हैं। सागर में उन्होंने एक साथ 8 चिकित्सकों को निलंबन का दंड दिया है। लापरवाही और अन्य कारणों के चलते संयुक्त संचालक स्तर से लेकर नीचे तक कार्रवाई की गई है। अगले सप्ताह में उनके उज्जैन संभागीय मुख्यालय पर आने की संभावनाएं प्रबल है। ऐसी स्थिति में उज्जैन में चिकित्सा अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के अवकाश निरस्त कर दिये गये हैं। पूरे विभाग में कसावट का दौर चल रहा है। यहां तक कि पूर्व से गायब कतिपय चिकित्सक और स्टाफ के कुछ कर्मचारियों में से कुछ ने तो अपनी वाइनिंग वापस से दे दी है। अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिये किये जाने वाले प्रयास तेज किये जा रहे हैं। सप्ताह की शुरुआत में सोमवार से इसमें और कसावट का असर देखा जा सकेगा।