यहां भी हैं मुसीबत की पटाखा फैक्ट्रियां
उद्योगपुरी में कई कारखाने बगैर नीति-नियमों के संचालित हो रहे
उज्जैन 5 मई(इ खबरटुडे)। जिला मुख्यालय से 55 कि.मी. दूर बड़नगर में शनिवार को पटाखा फैक्ट्री के विस्फोट में 16 लोगों की जान चली गई। इससे पहले भी यहां हादसा हो चुका है। जिला मुख्यालय पर स्थित पटाखा फैक्ट्रियों में भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। इसके बावजूद इन पटाखा फैक्ट्रियों में नियमों की अनदेखी की जाती है। उद्योगपुरी में भी कई कारखाने बगैर नीति-नियम के संचालित हो रहे हैं।
बड़नगर तहसील मुख्यालय से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। इस फैक्ट्री में पटाखों का उत्पादन हो रहा था। पूर्व में यहां लगभग वर्ष 2000 के आसपास दुर्घटना होने की बात बताई जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि उक्त दुर्घटना के मामले में व्यवसायी को न्यायालय ने दंडित भी किया था। बड़नगर तहसील मुख्यालय पर हुए हृदयविदारक हादसे ने सबको गमगीन कर दिया है। डेढ़ दशक के अंदर उज्जैन जिले में पटाखा फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों में यह सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है। इससे पूर्व रातड़िया में पटाखा गोडाउन और फैक्ट्री में इस तरह का मामला हो चुका है और तो और रातड़िया घटनाक्रम से पूर्व में कालियादेह गेट के नजदीक डेढ़ दशक के दरमियान संचालित की जा रही पटाखा फैक्ट्री में हादसा हुआ था। सभी हादसों में काल अपने साथ किसी न किसी को ले गया। इसके बावजूद नियमों का पालन पर्याप्त तौर पर नहीं हो सका। अब भी हालात ऐसे हैं कि पटाखा फैक्ट्री में नियमों की अनदेखी की जा रही है। रातड़िया स्थित गोडाउनों पर भी लापरवाहीपूर्वक काम किये जाते हैं।
अग्निशमन का प्रबंध नहीं
बड़नगर पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि इस प्रकार की फैक्ट्रियों में अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था क्यों नहीं की जाती है। वर्तमान स्थिति में भी रातड़िया के उद्योग में अग्निशमन की छटांग भर की व्यवस्था के दम पर पूरा उद्योग संचालित हो रहा है।
उद्योगपुरी में भी यही हाल
जिला मुख्यालय की आगर रोड, मक्सी रोड, देवास रोड उद्योगपुरी में नीति और नियमों के विपरीत कुछ उद्योगों का संचालन किया जा रहा है। इन उद्योगों में श्रम नियमों का भी उल्लंघन हो रहा है। जान से खिलवाड़ किये जाने वाले उद्योग संचालित किये जा रहे हैं। अग्निशमन की यहां भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। मौका आने पर छोटी-मोटी आग में भी फायर ब्रिगेड के भरोसे ही यहां का काम चलता है।